- उत्तराखंड में बारातियों से भरा वाहन खाई में गिरा; 3 की मौत, 10 घायल; एक बाराती की जिद पड़ी भारी - October 5, 2024
- हरियाणा में 5 बजे तक 61% वोटिंग:जगाधरी में फर्जी मतदान पर हंगामा, नूंह-हिसार में झड़प; विनेश फोगाट ने बूथ कैप्चरिंग के आरोप नकारे - October 5, 2024
- किसी ने कोहनी मारी तो किसी ने किया बैड टच, हरियाणा कांग्रेस के मंच पर छेड़खानी शिकार हुईं सोनिया दुहन - October 5, 2024
पटना। अब विभिन्न जगहों पर लगे स्पीड ब्रेकर से भी बिजली उत्पन्न कर यातायात व स्ट्रीट लाइट को संचालित किया जा सकता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग को इसमें सफलता मिली है। पर्यावरण संतुलन के उद्देश्य से किए गए इस शोध को पेटेंट भी मिल चुका है। अब इसके संचालन के माडल को लेकर आगे की कवायद की जा रही है।एनआइटी के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार जैन कहते हैं कि इस शोध का उद्देश्य ऊर्जा की उत्पादन क्षमता बढ़ाना तथा प्रदूषण रहित सबसे सस्ती बिजली प्रदान करना है।
एक ब्रेकर से सालाना 1356.2 केवी बिजली
एनआइटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. शैलेश एम पांडेय के नेतृत्व में यह सफलता मिली है। इस नवाचार में एमटेक के छात्र राकेश सिंघला एवं बीटेक के छात्र आनंद पांडेय ने सहयोग किया है। डॉ. शैलेश ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि इस डिजाइन कार्य में वाहन के द्रव्यमान को 160 किलोग्राम माना गया। साथ ही स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई को 10 सेंटीमीटर रखा गया। बल की गणना 160 x 9.81 मीटर प्रति सेकंड से की। वाहन द्वारा तय की गई दूरी, यानी ब्रेक की ऊंचाई को 10 सेंटीमीटर रखा गया गया। आउटपुट शक्ति की गणना करने पर प्रति एक धक्के के लिए 2.616 वाट की शक्ति मिली।
गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में किया जाता परिवर्तित
डॉ. शैलेश ने बताया कि इस तकनीक में वाहनों द्वारा उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित कर बिजली पैदा की जाती है। इसमें दोतरफा रैक और पिनियन व्यवस्था शामिल होती है। स्पीड ब्रेकर से गुजरता वाहन रैक को नीचे धकेल देता है, जिससे पिनियन व्यवस्था के माध्यम से यांत्रिक ऊर्जा का उत्पादन होता है। उत्पन्न की गई यांत्रिक ऊर्जा को फिर विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इसके लिए एक जेनरेटर का उपयोग किया जाता है।
सीएसआइआर ने किया अनुमोदन, दी रिपोर्ट
डॉ. शैलेश ने बताया कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीएसआइआर), नई दिल्ली ने इस नवाचार को अनुमोदित करते हुए परिवहन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस आविष्कार का मुख्य उद्देश्य स्पीड ब्रेकर से हरित ऊर्जा उत्पन्न करना है। यह उपयोग के लिए हर प्रकार से प्रदूषण व ईंधन से रहित सबसे सस्ती बिजली है।