बीजिंग. बीजिंग हवाईअड्डे से 6,000 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द होने के तुरंत बाद इंटरनेट पर अफवाहें फैलने लगीं कि शायद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद कर दिया गया है. वैसे भी पिछले दो साल में शी जिनपिंग शायद ही कभी अपने राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे. वे कभी-कभी केवल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करते थे. उन्होंने इस दौरान कोविड-19 का हवाला देते हुए किसी वैश्विक नेता से भी मुलाकात नहीं की थी.
न्यूज एजेंसी एपी की एक खबर के मुताबिक दो साल के बाद चीन के राष्ट्रपति ने हाल ही में उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 22 वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से शी जिनपिंग ने बैठक में कम सक्रियता रखी. उन्होंने शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जरूर लेकिन उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और न ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग बैठक की. वह एससीओ शिखर सम्मेलन से अचानक चले गए.
एक खबर के मुताबिक चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ और पूर्व चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने स्थायी समिति के पूर्व सदस्य सोंग पिंग को राजी करके सेंट्रल गार्ड ब्यूरो (सीजीबी) का नियंत्रण वापस ले लिया. सीजीबी का काम चीन की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्यों और अन्य सीसीपी नेताओं को निजी सुरक्षा प्रदान करना है. ये समिति शी जिनपिंग की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है. चीन में सोशल मीडिया पर यह आशंका जताई जा रही है कि शी जिनपिंग के सैन्य अधिकारों में अभी कटौती करना कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर एक आंतरिक तख्तापलट की तैयारी हो सकती है.
संभवत: चीन में हो रही बातों की भनक लगने के बाद शी जिनपिंग 16 सितंबर को एससीओ की बैठक से जल्दबाजी में निकल गए. उन्होंने देश के लिए रवाना होने से पहले एससीओ शिखर सम्मेलन के आधिकारिक रूप से समाप्त घोषित होने का इंतजार भी नहीं किया. कहा जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था और माना जाता है कि वर्तमान में वे झोंगनानहाई के घर में नजरबंद हैं.
चीन के भीतर और बाहर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को कुछ समय के लिए रद्द कर दिया गया है. टिकटों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है और सीसीपी चीन के अंदर और बाहर ट्रैफिक की निगरानी कर रही है. संभव है कि शी जिनपिंग को हटाने के लिए तख्तापलट हो सकता है. अगर ऐसा हुआ है 2019 में कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद से चीन से बाहर निकलने वाली ये सबसे बड़ी खबर बन जाएगी.