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एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद जहांगीरपुरी में सोमवार को शांति रही। इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात है। बाजार खुले हैं, लेकिन ज्यादातर लोग घरों में ही कैद हैं। दिल्ली पुलिस ने रविवार को हिंसा की जांच तेज की। 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दो नाबालिग भी पकड़े गए हैं। रविवार को गृह मंत्रालय ने इलाके में शांति कायम करने के लिए सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच कंपनियां और भेजीं। दिल्ली पुलिस ने इलाके की अमन समितियों के साथ बैठक करके दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने को कहा। आरोप है कि मुख्य आरोपी अंसार और उसके साथियों ने धार्मिक जुलूस निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी तो पथराव हो गया। उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। हालात बिगड़ने पर पुलिस को 40 से 50 आंसू गैस के गोले चलाकर भीड़ को खदेड़ना पड़ा। करीब एक घंटे के बीच भीड़ ने जमकर हिंसा की। इसमें 8 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है।
फायरिंग करने वाला आरोपी सोनू शेख गिरफ्तार
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। तमंचे से फायरिंग करने वाले आरोपी सोनू शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है। 17 अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक हमले का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें नीला कुर्ता पहने शख्स फायरिंग कर रहा था। इसकी पहचान सोनू शेख के रूप में हुई है और इसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 28 वर्षीय सोनू शेख जहांगीरपुरी सी ब्लॉक का रहने वाला है।
16 अप्रैल की शाम को दिल्ली के थाना जहांगीरपुरी क्षेत्र में बिना अनुमति जुलूस निकालने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल दिल्ली प्रांत के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उस दिन उस इलाके में 3 जुलूस निकले थे, 2 के लिए इजाजत ली गई थी।
जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच में एक और आरोपी शेख हमीद पुत्र शेख ओयद अली को गिरफ्तार किया गया है। वह सी-ब्लॉक, जहांगीरपुरी का रहने वाला है और उसकी उम्र 36 साल है। शेख हमीद कबाड़ का व्यापारी है। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने बोतलें सप्लाई की थीं जिनका इस्तेमाल घटना के दौरान पथराव के लिए किया गया था।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि करीब सवा 6 बजे जुलूस का पिछला हिस्से में लोग शामिल थे। पुलिस का बंदोबस्त जुलूस के साथ था। पथराव में 9 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 8 पुलिसकर्मी हैं। ये साबित करता है कि पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया और उन्हें दूर किया। जिसके कारण लोग घायल नहीं हुए है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 8 लोग पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हो चुके हैं। सीसीटीवी और दूसरे सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। तीन हथियार मिले हैं। ये केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। FSL की टीम घटनास्थल का दौरा कर सबूत एकत्र कर रही है। कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। क्राइम ब्रांच ने 14 टीमें बनाई हैं। कल से ये सभी टीमें एक्टिव हो गई है। सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि वातावरण को बिगाड़ा जाए। हमारे यहां सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो जो लोग गलत सूचना दे रहे हैं, तो उनके खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जनता से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
मस्जिद में झंडा लगाने से शुरू हुआ झगड़ा, जानिए पुलिस कमिश्नर ने क्या कहा: दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से सवाल पूछा गया कि ऐसा भी कहा जा रहा है कि यह पूरा विवाद एक मस्जिद में झंडे लगाने से शुरू हुआ। इस पर अस्थाना ने कहा कि इस बात में तथ्य नहीं है। झगड़ा छोटी सी बात से शुरू हुआ था। बाद में यह मामला बढ़ गया। जो लोग यह कह रहे हैं कि झंडा लगाने की कोशिश की थी, तो यह बात सही नहीं है।
जहांगीरपुरी में चिंगारी किसने सुलगाई?: दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल पूछा गया कि जहांगीरपुरी हिंसा को भड़काने वाला पहला शख्स कौन था, तो उन्होंने कहा किसकी अभी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के जरिए पुलिस दोषियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
क्या हिंसा में बांग्लादेशी और रोहिंग्या शामिल हैं?: हिंसा में बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के शामिल होने के सवाल पर अस्थाना ने कहा कि पुलिस हर ऐंगल से इसकी जांच कर रही है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 48 घंटे के भीतर फिर से पथराव हुआ है। जी हां, आज दिल्ली पुलिस की टीम वहां सोनू चिकना नाम के आरोपी को पकड़ने गई थी। एक महिला से टीम बात कर ही रही थी कि अचानक ईंट-पत्थर चलने लगे। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
जहांगीरपुरी में पूरे इलाके में पुलिस का सख्त पहरा बैठा दिया गया है। माहौल तनावपूर्ण लेकिन शांत है। हिंसा प्रभावित इलाके में आने-जाने के तमाम रास्तों पर पुलिस का कड़ा पहरा है। इतना ही नहीं, जिस कुशल सिनेमा रोड पर हिंसा हुई थी, उस पर और उसके आस-पास सी ब्लॉक मेन रोड, धोबी घाट रोड और मंगल बाजार रोड पर भी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
दिल्ली पुलिस क्या कर रही है?
मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 2 किशोरों को भी हिरासत में लिया है, सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। दिल्ली के सभी इलाकों में पुलिस लगातार निगरानी रख रही है। अफवाहों को रोका जा रहा है और सोशल मीडिया पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।
जहांगीरपुरी हिंसा में कौन पकड़े गए? क्या केस है?
पुलिस ने बताया, ‘हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार हुआ है। वह घोषित बदमाश है।’ आरोपियों की पहचान सलीम उर्फ चिकना (36), जाहिद (20), अंसार (35), शाहजाद (33), मुख्तार अली (28), मो. अली (18), आमिर (19), अक्सर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (21), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मो. अली (27), अहीर (37), शेख सौरभ (42), सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) और सुजीत सरकार (38) के रूप में हुई। सभी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं।
आरोपियों के खिलाफ धारा 147 (दंगा करने की सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी), 186 (जनता के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड), 427 (शरारत से नुकसान पहुंचाना) पचास रुपये की राशि), 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घर, आदि को नष्ट करने के इरादे से शरारत), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अंसार है कौन, जानिए कच्चा चिट्ठा
जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार का इतिहास दागदार रहा है। वह मारपीट के दो केस में पहले भी जेल जा चुका है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गैम्बलिंग ऐक्ट और आर्म्स ऐक्ट के तहत भी अंसार पर पांच बार मुकदमा हो चुका है। बार-बार प्रिवेंटिव धाराओं में भी अंसार की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस के मुताबिक, अंसार को पहले से पता था कि शोभा यात्रा किधर से निकलेगी और उसी ने हिंसा की साजिश रची। वहीं, अंसार की बीवी शकीना ने मीडिया से बातचीत में पति को बेकसूर बताया। विस्तार से पढ़ें कौन है अंसार?
100 से ज्यादा संदिग्ध फरार, छापे डाल रही पुलिस
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया, ‘आरोपियों से तीन पिस्टल, 5 तलवारें मिली हैं। सामने आए विडियो के आधार पर जांच की जा रही है।’ सूत्रों का कहना है कि 50 से अधिक लोगों से पूछताछ चल रही है। अभी 100 से अधिक संदिग्ध अपने घरों से फरार हैं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें आरोपियों की धरपकड़ के लिए यूपी और दूसरे राज्यों में छापेमारी कर रही हैं।
जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा का आंखों देखा ‘सच’
शोभायात्रा के दौरान जिले के आला अफसर, जहांगीरपुरी थाने का स्टाफ मौजूद था। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि जहांगीरपुरी का यह संवेदनशील इलाका अचानक हिंसा की चपेट में आ गया? इसका जवाब हिंसा के सबसे अहम चश्मदीद और शोभायात्रा के सुरक्षा को संभालने वाले इंस्पेक्टर राजीव रंजन के बयान से मिलेगा। इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने ही एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने उपद्रव के एक-एक सीन का जिक्र किया है।
उन्होंने बयान दिया कि उनकी ड्यूटी अपने स्टाफ एएसआई ब्रजभूषण, जुगेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल दिनेश, सूरजभान, प्रीतम, रविंदर, मनीष, कॉन्स्टेबल दीपक, सुमन, अक्षय और दिनेश के साथ हनुमान जन्मोत्सव के अरेंजमेंट में थी। एक पक्ष द्वारा तय रूट पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। करीब शाम 4:15 पर शोभायात्रा ईई-ब्लॉक से वाया बीजेआरएम हॉस्पिटल रोड, के ब्लॉक, बीसी मार्केट, कुशल चौक, जी ब्लॉक, मंगल बाजार रोड महेंद्रा पार्क, ए वन मोटर्स महेंद्रा पार्क पर समाप्त होनी थी। शोभायात्रा शांतिपूर्वक चल रही थी। लेकिन जब शोभायात्रा समय करीब 6 बजे सी ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंची तो एक शख्स अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ आया और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लग गया।
बहस ज्यादा बढ़ने के कारण पथराव शुरू हो गया। जिसके कारण शोभायात्रा में भगदड़ मच गई। पुलिस स्टाफ ने पथराव को रोकने व शांति बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग अलग कर दिया। लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद दोनों पक्षों की ओर से अचानक फिर से नारेबाजी और पथराव शुरू हो गया, जिस पर पुलिस स्टाफ ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। अन्य पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। अफसरों ने शांति कायम करने की बार-बार अपील की। लेकिन एक पक्ष द्वारा लगातार पत्थरबाजी की जा रही थी। इस हालात को काबू करने के लिए 40-50 आंसू गैस के गोले छोड़े गए। भीड़ को तितर-बितर किया गया।
भीड़ की तरफ से पुलिस पार्टी पर फायरिंग और पथराव किया गया। जिसमें एसआई मेदालाल के बाएं हाथ में गोली लगी। अन्य पुलिसकर्मियों और एक पब्लिक को गंभीर चोटें आईं। उपद्रवी भीड़ ने इस घटनाक्रम में एक स्कूटर में आग लगा दी। कई गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी। हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शांतिपूर्वक ढंग से निकाली जा रही शोभायात्रा पर असामाजिक तत्वों के द्वारा पथराव कर और फायरिंग करके, सांप्रयादिक दंगे किए गए। लोगों के सामान की लूट, दुकानों और अन्य जगहों पर आगजनी की गई। इस दंगे में इंस्पेक्टर को भी चोट आई। पुलिस ने भी प्राइवेट कैमरे से मौके की विडियोग्राफी करवाई और फोटो लिए। मौके से पत्थर, टूटी हुई बोतलें व डैमेज गाड़ियां मिलीं। बहरहाल, पुलिस की जांच स्पीड पर है।