ओडिशा ट्रेन हादसा: लोकेशन बॉक्स में ‘छेड़छाड़’ पर बड़ा खुलासा, रेलवे ने की यह कार्रवाई

Odisha train accident: Big disclosure on 'tampering' in the location box, Railways took this action
Odisha train accident: Big disclosure on 'tampering' in the location box, Railways took this action
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ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के कारणों का पता लगाने के लिए CBI ने अपनी जांच शुरू कर दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन हादसे की एक वजह लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ हो सकती है. जिस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन से लूप लाइन में प्रवेश करना पड़ा.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी अविषेक दस्तीदार की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बहानगा बाजार स्टेशन के पास लगे लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ की गई थी. सिग्नल टेक्नीशियन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल देने के लिए लोकेशन बॉक्स के लूप में बदलाव कर दिया था. इस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में चली गई. जहां खड़ी एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई थी.

डबल लॉकिंग का फैसला
रिपोर्ट के अनुसार, लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ की जानकारी सामने आते ही रेल मंत्रालय ने सभी लोकेशन बॉक्स को सुरक्षित रखने के लिए डबल लॉक लगाने का फैसला किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में स्टेशन के ‘रीले रूम्स’ को डबल लॉक से सुरक्षित किया जाता है. सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले और स्टेशन मास्टर के पास इन लॉक्स की चाबी मौजूद होती है. वहीं, लोकेशन बॉक्स में सिर्फ एक लॉक होता है. जिसकी चाबी सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले शख्स के पास होती है. इसी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने डबल लॉक लगाने का फैसला किया है.

इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से चर्चा की है. उन्होंने रेलवे की सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र को दुरुस्त करने के लिए जरूरी बदलाव करने की बात भी कही. वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके लाहोटी ने रेलवे कर्मचारियों से सिग्नल के रखरखाव में शॉर्टकट न लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि गलती कितनी भी छोटी क्यों न हो, ग्राउंड पर काम कर रहे कर्मचारियों को अपने सीनियर से कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए.

रिपोर्ट से असहमति
इससे पहले खबर आई कि ओडिशा हादसे के बाद एक ज्वाइंट इंस्पेक्शन रिपोर्ट तैयार की गई थी. बालासोर में रेलवे सिग्नल व कम्युनिकेशन के सीनियर इंजीनियर एके महंता ने रेलवे कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से असहमति जताई है. हालांकि, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से ही ट्रेन को लूप लाइन पर जाना पड़ा था. इसी लाइन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस आगे खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी.

एके महंता के अलावा रेलवे की इस कमेटी में चार मेंबर मौजूद थे. महंता ने अपनी असहमति एक पन्ने के एक नोट में जाहिर की है. महंता का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि सिग्नल में गड़बड़ी ट्रेन का एक्सीडेंट होने के बाद हुई हो. उनके मुताबिक प्वाइंट नंबर 17ए, बहानगा बाजार स्टेशन की अप-लूप लाइन में रिवर्स स्थिति में सेट था. रिवर्स स्थिति में सेटिंग प्वाइंट का मतलब है कि आने वाली ट्रेन को लूप लाइन में प्रवेश करने की अनुमति है. जबकि सामान्य स्थिति में सेटिंग प्वाइंट का मतलब है कि ट्रेन मेन लाइन में जाएगी. महंता ने आगे कहा,

“मैं रिपोर्ट के उस हिस्से से सहमत नहीं हूं जिसमें ये बताया गया कि प्वाइंट 17ए को अप लूप लाइन के लिए निर्धारित किया गया था. डेटालॉगर के मुताबिक प्वाइंट 17ए सामान्य स्थिति के लिए सेट थे. शायद ये ट्रेन की टक्कर के बाद रिवर्स हो गया हो.”

इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा रेल हादसे के पीछे ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं रेलवे बोर्ड की जांच में सामने आया था कि सिग्नल में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है.