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रिपोर्ट के निष्कर्षों से पता चलता है कि पिछली YSRCP सरकार के दौरान प्रतिष्ठित तिरूपति लड्डू प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में गोमांस और मछली के तेल सहित जानवरों की चर्बी के अंश थे, जिससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया और धार्मिक भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया गया।
गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड या CALF लैब की एक रिपोर्ट से पता चला है कि जब YSRCP सत्ता में थी, तब प्रसिद्ध तिरूपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी थी।
रिपोर्ट में संकेत दिया गया कि घी में मछली के तेल, गोमांस की चर्बी के अंश थे। आखिर में एक सेमी-सॉलिड सफेद फैट प्रोडक्ट है, जो सुअर के फैटी टिश्यू को रेंडर करके हासिल किया जाता है।
राजनीतिक बवाल मचा
तिरूपति के लड्डू को तिरूपति के प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में बांटा जाता है, जो तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (TTD) की ओर से चलाया जाता है। बुधवार को पार्टी की एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लड्डू घटिया सामग्रियों से बनाया जाता था।
राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।”