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Breast Cancer Awareness Month 2023: हर साल अक्टूबर के महीने में 1 से लेकर 31 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है. पूरी दुनिया में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन कैंसर है, जिससे हर साल लाखों महिलाएं शिकार होती हैं. स्तन कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाने की शुरुआत की गई थी. हालांकि, शुरुआती स्तर पर इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो काफी हद तक ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सफल होता है. यदि एडवांस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं ब्रेस्ट से दूसरी जगह फैल जाए तो फिर इलाज के जरिए मरीज की जान बचा पाना कठिन हो जाता है. यदि महिलाएं नियमित तौर पर अपने स्तनों का परीक्षण (Self examination breast cancer) खुद से करें तो लक्षणों को पहले डिटेक्ट करके इलाज जल्दी शुरू की जा सकती है. आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या-क्या होते हैं, ताकि इस घातक बीमारी को गंभीर स्टेज में पहुंचने से रोका जा सके.
क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
स्तन कैंसर एक घातक स्थिति है, जो ब्रेस्ट टिशूज में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होता है. यह आमतौर पर दूध पैदा करने वाली ग्रंथियों (लोब्यूल्स) की कोशिकाओं या उन नलिकाओं में शुरू होता है, जो दूध को निपल तक ले जाती हैं. धीरे-धीरे ये अनियंत्रित कोशिकाएं ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं. स्तन कैंसर इन्वेसिव हो सकता है यानी यह आसपास के ऊतकों या शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है. स्तन कैंसर का मुख्य कारण कई बार अनुवांशिक, पर्यावरणीय, हार्मोनल और खराब जीवनशैली हो सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
सीडीसी डॉट जीओवी के अनुसार, प्रत्येक महिला में स्तन कैंसर के अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं. कुछ लोगों में तो लक्षण बिल्कुल भी नजर नहीं आते हैं. ब्रेस्ट कैंसर के कुछ वॉर्निंग साइन इस प्रकार हैं. इन्हें इग्नोर करने की गलती ना करें.
– अंडरआर्म्स और ब्रेस्ट में कोई लम्प (Breast Lump) या गांठ महसूस हो या फिर सूजन हो तो भूलकर भी नजरअंदाज ना करें. ये ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है.
– स्तनों या उसके आसपास के भाग में टाइटनेस और सूजन (Swelling) होना भी एक गंभीर संकेत हो सकता है स्तन कैंसर का.
– स्तनों के साइज या शेप में बदलाव नजर आए तो आप इस लक्षण को भलूकर भी इग्नोर ना करें.
– ब्रेस्ट स्किन का ढीला होना या सिकुड़ जाना भी ब्रेस्ट कैंसर का एक लक्षण हो सकता है.
-ब्रेस्ट निपल से डिस्चार्ज होना या निपल में जलन, खुजली, आकार में परिवर्तन होना भी गंभीर लक्षण हो सकते हैं.
-स्तनों को छूने से दर्द और असहजता महसूस होना.
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज और बचाव के उपाय
आमतौर पर यदि लक्षणों को पहचानकर कैंसर डिटेक्ट हो जाए तो इसका इलाज डॉक्टर शुरू कर देते हैं. इलाज कैंसर किस स्टेज में पहुंच चुका है, इस पर भी निर्भर करता है. इसमें मुख्य रूप से रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी (Chemotherapy), सर्जरी, हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy), मेडिसिन के जरिए इलाज किया जाता है. यदि आप चाहती हैं कि आपको ब्रेस्ट कैंसर ना हो तो आप नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच खुद से करें. इसके लिए आप ब्रेस्ट को छूकर चेक करें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं. ऐसा नजर आए तो डॉक्टर से तुरंत मिलें. इसके अलावा, वजन कम करें, हेल्दी डाइट लें, शारीरिक रूप से एक्टिव रहें, जीवनशैली में बदलाव लाएं और रेगुलर एक्सरसाइज करें. ऐसा करके काफी हद तक ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव है.