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China-Pakistan in Gilgit Baltistan: दहशतगर्दी को अपना बिजनेस बनाने वाला पाकिस्तान 59 साल बाद एक बार फिर ‘शक्सगाम वैली’ वाली बड़ी साजिश रच रहा है. उसने अपना कर्ज उतारने के लिए PoK के एक बड़े हिस्से को चीन को बेचने का प्लान बनाया है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन के बढ़ते कर्ज को उतारने के लिए पाकिस्तान गिलगित-बालटिस्तान (Gilgit Baltistan) में आने वाली हुंजा घाटी (Hunza Valley) को चीन को पट्टे पर देने की योजना बना रहा है. यह कहने के लिए पट्टे पर दिया जाएगा लेकिन एक बार चीन के कब्जे में जाने के बाद वहां पर हमेशा के लिए ड्रैगन का कब्जा हो जाएगा. इसके साथ ही चीन को गिलगित-बाल्टिस्तान में बड़े पैमाने पर खनिजों के खनन करने की भी अनुमति देने की तैयारी है.
यह ठीक वैसे ही हो रहा है, जब पाकिस्तान ने 1963 में PoK में आने वाली 5 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया में फैली शक्सगाम वैली को चीन को गिफ्ट कर दिया था. उस घाटी पर आज भी ड्रैगन का कब्जा है. अब हुंजा घाटी को चीन को दिए जाने की आहट मिलते ही इलाके में स्थानीय लोगों के विरोध और हिंसा की एक नई लहर शुरू हो गई है.
स्थानीय मंत्रियों को सरेआम पीट रहे पाकिस्तानी सैनिक
पाकिस्तान सरकार की योजना से नाराज गिलगित-बालटिस्तान (Gilgit Baltistan) के लोगों का पाकिस्तानी सेना के साथ संघर्ष पिछले कुछ हफ्तों में काफी बढ़ गया है. स्कार्दू में स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और उनके वाहनों पर पथराव भी किया. लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा भड़का हुआ है कि पाकिस्तानी सैनिक उनके जनप्रतिनिधियों को सरेआम पीट रहे हैं.
पाकिस्तानी सैनिकों ने पिछले महीने के अंत में स्थानीय लोगों की आवाज उठाने पर गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) के पर्यटन और स्वास्थ्य मंत्री राजा नासिर अली खान को बुरी तरह पीटा था. मंत्री की गलती बस इतनी थी कि उन्होंने स्कार्दू रोड पर सेना के अधिग्रहण का विरोध किया था. राजा नासिर अली खान पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के कट्टर समर्थक रहे हैं.
‘बस अब बहुत हुआ, हमें वश में नहीं किया जा सकता’
27 अप्रैल, 2022 को हुई इस घटना ने सेना के खिलाफ जनता का विरोध शुरू कर दिया था. घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सेना के अधिकारियों और उनके वाहनों पर पथराव किया. स्थानीय समुदाय हाल के दिनों में अलग-अलग मौकों पर सेना के खिलाफ खड़ा हुआ है.
राजा नासिर ने बाद में ट्वीट करके बताया मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री हाजी गुलबर सब पर भी पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला किया. उन्होंने कहा, ‘बस बहुत हो गया. ये सब अब यहीं खत्म होना चाहिए. अगर उन्हें सम्मान हासिल करना है तो उन्हें हमारे साथ फ्रेंडली व्यवहार करना चाहिए. मारपीट और हिंसा करके उन्हें सम्मान नहीं मिल सकता. किसी भी तरह से, हमें वश में नहीं किया जा सकता है.’
लोगों में बढ़ रहा अपनी जमीन छिनने का डर
सूत्रों के मुताबिक चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के नाम पर सेना की ‘जमीन हथियाने’ की होड़ से स्थानीय लोग नाराज हैं. अपनी जमीन छिनने से आशंकित स्थानीय लोगों में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में तेजी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों का दृढ़ विश्वास है कि CPEC और उसकी सुरक्षा की आड़ में पाकिस्तान पूरे गिलगित बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) को 50 सालों के लिए चीन को पट्टे पर दे चुका है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. इस इलाके में सीपीईसी परियोजना पर काम करने के लिए कई हजार चीनी पहले से मौजूद हैं. उनके साथ सैकड़ों चीनी जासूस और पाकिस्तान सेना के जवान भी इलाके में सक्रिय हैं. वे स्थानीय लोगों पर नजर रखने के साथ-साथ चीनी कंपनियों को सुरक्षा भी मुहैया करा रहे हैं.