पापा-मम्मी मुझे माफ कर देना, मैं बेकसूर हूं… सुसाइड से पहले आईपी यूनिवर्सिटी के MBA स्टूडेंट का वो आखिरी मैसेज

Papa-mummy please forgive me, I am innocent... That last message of an MBA student of IP University before committing suicide
Papa-mummy please forgive me, I am innocent... That last message of an MBA student of IP University before committing suicide
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नई दिल्ली: आईपी यूनिवर्सिटी में एमबीए फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट द्वारा खुदकुशी के मामले में परिवार वालों ने यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि अगर उनके बेटे ने कोई गलती की थी तो परिवार को सूचना क्यों नहीं दी। रविवार की घटना के बारे में भी यूनिवर्सिटी वालों ने नहीं बताया। पुलिस ने सोमवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंपा। परिजन एंबुलेंस से शव को बिहार ले गए। गौतम मूल रूप से वैशाली, बिहार के रहने वाले थे। परिवार में पिता विनोद कुमार सिन्हा, मां उर्मिला, बड़ा भाई गौरव और भाभी हैं। गौतम एक महीने पहले ही दिल्ली आए थे।

गौतम के पिता विनोद कुमार ने बताया कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी उन्हें यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई। गौतम के पिता ने रोते हुए बताया कि रविवार दोपहर को आखिरी बार उनकी गौतम से बात हुई थी। वह काफी परेशान था। फोन पर उसने मेरी तबीयत के बारे में पूछा था। कुछ देर बात करने के बाद उसने फोन काट दिया।

फैमिली ग्रुप में डाला था मेसेज
विनोद के अनुसार, उनकी तबीयत काफी समय से ठीक नहीं है। वह घर में दवा लेकर आराम कर रहे थे। रविवार शाम को करीब 6.10 बजे फैमिली ग्रुप (वॉट्सऐप) पर गौतम ने मेसेज डाला। मेसेज में उसने लिखा ‘पापा-मम्मी मुझे माफ कर देना। बेकसूर हूं। मुझे गलत फंसाया गया है। वॉर्डन परेशान कर रहा है। पापा मैं स्यूसाइड कर रहा हूं।’ मेसेज पढ़ते ही उनके होश उड़ गए। उन्होंने कई बार बेटे को कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठा। दिल्ली में वह ज्यादा लोगों को जानते भी नहीं थे।

उन्होंने तुरंत नोएडा में रहने वाले अपने रिश्तेदार अमोद कुमार, संतोष और अन्य लोगों को कॉल करके मेसेज के बारे में बताया। देर रात जब उनके रिश्तेदार हॉस्टल पहुंचे तो उन्हें घटना के बारे में पता चला। विनोद का कहना है कि चाहे बड़े कॉलेज हों या स्कूल, अगर वहां स्टूडेंट कुछ गलत करता है तो परिवार को सूचना दी जाती है। वॉर्डन बेटे को पिछले तीन दिन से परेशान कर रहा था। उसी समय अगर यूनिवर्सिटी से उन्हें सूचना मिलती तो शायद वह अपने बच्चे को बचा लेते। गौतम ने खूब मिन्नत की, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। हॉस्टल के कई बच्चों ने भी बताया कि गौतम कोई नशा नहीं करता था। अपना दर्द बयां करते हुए विनोद फफककर रो पड़ते हैं। गमछे से आंसुओं को पोंछते हुए भरभराई आवाज में कहते हैं, घर से कहकर आया था कि बड़ा आदमी बनूंगा। जिसे इतने प्यार से बड़ा किया, आज उसके शव को ले जा रहा हूं।

क्या हुआ था संडे की शाम
रविवार शाम करीब 6.20 बजे द्वारका नॉर्थ थाने को सूचना मिली कि द्वारका सेक्टर-16 स्थित शिवालिक बॉयज हॉस्टल की सातवीं मंजिल से एक लड़के ने छलांग लगाकर जान दे दी है। पुलिस ने छानबीन करने के बाद शव को कब्जे में कर लिया। गौतम के दोस्तों ने पूछताछ में दावा किया है कि हॉस्टल के वॉर्डन ने शनिवार को नेपाल के एक स्टूडेंट समेत छह स्टूडेंट्स को निष्कासन का आदेश जारी किया था। आरोप लगाया गया था कि 13 और 14 सितंबर की रात को स्टूडेंट्स ने हॉस्टल के कमरे में शराब पी थी। स्टूडेंट्स को रविवार दोपहर 2 बजे तक कमरा खाली करने के लिए कहा गया था।