उत्तराखंड में टूटा बिजली कर्मियों का सब्र, 31 से फिर करेंगे आंदोलन

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देहरादून। एक माह से मांगों पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे बिजली कार्मिकों का सब्र टूट गया है। ऊर्जा मंत्री ने कार्मिकों के साथ बैठक में एक माह के भीतर मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, जिसका शुक्रवार को एक माह पूरा हो गया, मगर कार्रवाई नहीं हुई। अब उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 31 अगस्त से चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया है।

14 सूत्री मांगों पर कार्रवाई न होने पर मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को तीनों ऊर्जा निगमों में ‘वादा निभाओ दिवस’ मनाया, जिसके तहत तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव एसएस संधु, जलविद्युत निगम मुख्यालय में प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल, ऊर्जा भवन में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दीपक रावत को ज्ञापन सौंपा गया।

कार्मिकों की मांग है कि सरकार पूर्व से प्रचलित सेवा शर्तों को बहाल करे, संविदा कर्मियों की समान कार्य, समान वेतन की मांग पर कार्रवाई की जाए, राज्य के विभिन्न भागों में तैनात स्वयं सहायता समूह कर्मियों के साथ हो रहे अन्याय को बंद किया जाए। इस दौरान मोर्चा संयोजक इंसारूल हक, सह संयोजक राकेश शर्मा, जगदीश चंद्र पंत, अमित रंजन, पंकज सैनी, भानु जोशी, विक्की दास, संदीप शर्मा, प्रदीप कुमार कंसल, विनोद कुमार ध्यानी, केहर ङ्क्षसह, कार्तिकेय दुबे, विनोद कवि आदि उपस्थित थे।

दोपहर बाद मोर्चा के समस्त घटक संगठनों ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के मुख्यालय पर गेट मीटिंग की। इसके बाद कार्मिक पिटकुल के निदेशक (मानव संसाधन) को ज्ञापन देने पहुंचे। आरोप है कि निदेशक ने कार्मिकों के साथ अभद्रता करते हुए ज्ञापन लेने से इन्कार कर दिया, जिस पर कार्मिक पिटकुल के प्रबंध निदेशक दीपक रावत से मिले और शिकायत की। इस पर प्रबंध निदेशक ने निदेशक एचआर को फटकार लगाई।