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बहादुरगढ़ : हरियाणा में ठंड दस्तक दे चुकी है और इसके साथ ही कई जिलों की हवा काफी जहरीली हो गई है। वजह है दिल्ली NCR समेत करीब 9 जिलों का इस समय स्मॉग की चादर से ढका होना। वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है, जिससे लोगों का दम घुटने लगा है। मंगलवार को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में हरियाणा का सोनीपत और बहादुरगढ़ वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंचकर 371 दर्ज किया गया है।
दरअसल दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का अधिकतम स्तर 400 तक पहुंचने से सांस लेना मुश्किल हो गया है। औसत एक्यूआई भी 260 रहा। निम्नतर स्तर भी 200 से ऊपर ही रहा। इस स्थिति ने सांस के रोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। स्मॉग के कारण बेचैनी बनी हुई है। यह स्थिति फिलहाल बनी रहेगी। हवा में प्रदूषण सेहत के लिए हानिकारक है। प्रदूषण कम होने के आसार नहीं आ रहे हैं। इस कारण दिन भर धूप भी ठीक से नहीं खिल पा रही है। सुबह व शाम के समय प्रदूषण का स्तर खासी परेशानी बना हुआ है। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में भी सांस के मरीजों की भीड़ बनी हुई है। रोजाना बड़ी संख्या में सांस रोगी राहत पाने के लिए पहुंच रहे हैं।
दिन में सुबह के समय स्मॉग रहता है। मौसम परिवर्तन के साथ ही हवा साफ हुई है। मगर स्मॉग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के छह जिले ऐसे हैं जिनका एक्यूआइ ज्यादा खराब की श्रेणी में है। शहर में ज्यादा स्मॉग कम हुआ मगर हाइवे व अन्य खुले एरिया में इसका असर कम होता नहीं दिख रहा है। मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है। परिवर्तन के साथ हवा भी साफ हुई है। मगर स्मॉग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह के साथ स्मॉग अधिक होने के कारण वाहन चालक सुबह के समय ज्यादा परेशान हो रहे हैं।
जिस तरह से स्मॉग की चादर बिछी हुई है, कुछ लोग इसे धुंध समझ रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। स्मॉग हेल्थ के खतरनाक कैसे है और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक डॉक्टर ने बताया कि सर्दियों में स्मॉग पूरे शरीर पर असर डालता है। इसके कारण इन्फेक्शन, सीने में दर्द, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, आंख-नाक में जलन, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों का कैंसर होने जैसी बीमारियां हो सकती हैं। स्मॉग में ज्यादा समय तक रहने से सांस की नली सिकुड़ने लगती है। दमा रोगियों के लिए स्मॉग ट्रिगर पॉइंट है। इस मौसम में इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। अस्थमा के मरीजों को खांसी, जुकाम, छींके, सांस फूलना, सीने में जकड़न, घबराहट जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
प्रदेश के छह जिले ऐसे हैं जिनका एयर क्वालिटी इंडेक्टस (एक्यूआइ) ज्यादा खराब की श्रेणी में है। वहीं दिन के समय थोड़ा स्मॉग कम होने के कारण न्यूनतम तापमान में हलकी गिरावट भी दर्ज की गई है। दूसरी तरफ न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे नीचे जा रहा है। विज्ञानियों की माने स्माग छंटने के बाद तेजी से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
खराब श्रेणी
भिवानी 294
रोहतक 294
जींद 287
हिसार 266
गुरुग्राम 261
चरखी दादरी 259
नारनौल 254
मानेसर 233
कुरुक्षेत्र 214
कैथल 202
ज्यादा खराब
सोनीपत 371
बहादुरगढ़ 370
सिरसा 341
फरीदाबाद 329
फतेहाबाद 328
बल्लभगढ़ 304