हिमाचल की हवा में घुला जहर: 4 शहरों का AQI लेवल 100 के पार, सांस लेने में हो सकती परेशान

Poison dissolved in the air of Himachal: AQI level of 4 cities crossed 100, breathing may be disturbed
Poison dissolved in the air of Himachal: AQI level of 4 cities crossed 100, breathing may be disturbed
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शिमला: हिमाचल में धूल के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बिगड़ रहा है। प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में लगभग 2 महीने से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। यही वजह है कि राज्य के 4 शहरों का AQI-100 माइक्रो ग्राम के स्तर को पार कर गया है। AQI बिगड़ने से खासकर अस्थमा व श्वास रोगों और कोरोना मरीजों को ज्यादा कठिनाई होती है। इससे चर्म रोग और आंखों में जलन भी होती है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) के अनुसार बद्दी का AQI लंबे समय से खराब चल रहा है। बीते कल शाम तक यहां 163 माइक्रो ग्राम दर्ज किया गया।

अब कालाअंब का AQI भी 159 माइक्रो ग्राम तक चला गया है। पांवटा साहिब का AQI लेवल भी 105 माइक्रो ग्राम और बरोटीवाला का 102 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया। आमतौर पर दिसंबर में बद्दी को छोड़कर अन्य शहरों का AQI 100 माइक्रो ग्राम से कम रहता है। मगर, इस बार ड्राई स्पेल लंबा होने की वजह से यह बिगड़ा है।

धूल के कण हवा व वायुमंडल में घुलने से AQI बिगड़ रहा है। इसके बढ़ने से सांस के रोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि 100 माइक्रो ग्राम से अधिक का AQI अच्छा नहीं माना जाता है। कार्बन क्रेडिट स्टेट हिमाचल में हवा की गुणवत्ता बिगड़ना अच्छे संकेत नहीं हैं।

अन्य शहरों में नियंत्रण में AQI
नालागढ़ का AQI-83 माइक्रो ग्राम, डमटाल शहर का 59, धर्मशाला का 58, ऊना का 48, शिमला का 37, मनाली का 53 और सुंदरनगर का 54 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है।

हवा में मौजूद जहरीले कणों को मापने का जरिया है AQI
AQI हवा में मौजूद जहरीले कणों को मापने का जरिया है। इसके 100 माइक्रो ग्राम से अधिक होने से इंसान के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच सकती हैं।