सेना के कमांडो को पुलिस ने निर्वस्त्र कर पीटा, बोले: पुलिस सेना की बाप

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जयपुर। सेना के कमांडो सीमा पर भले ही दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हैं, लेकिन अपने घर में पुलिस से हार जाते हैं। जयपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। शहर के शिप्रा पथ थाने में पुलिस ने सेना के एक कमांडो को न सिर्फ निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा, बल्कि अपराधियों इसकी शिकायत कमांडो ने जब सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से की तो वे सोमवार को थाने पहुंचे और एसीपी संजय शर्मा को जमकर फटकार लगाई। राठौड़ ने खुद यह घटनाक्रम मीडिया को बताया। देर शाम कमिश्नरेट ने कार्रवाई करते हुए एक सब इंस्पेक्टर(SI) समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

दरअसल, 11 अगस्त को सेना के कमांडो अरविंद अपने परिचित जवान के केस के सिलसिले में जानकारी लेने थाने गए थे। थाने में पुलिसवालों ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। उन्होंने खुद के सेना में होने का परिचय दिया। आरोप है कि एसआई और पुलिसकर्मियों ने कमांडो को गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया। हवालात में डालकर कपड़े उतारकर पीटा।

कमांडो को जमकर जलील किया गया। कमांडो अभी बारामूला जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राठौड़ से की। सेना के कमांडो से मारपीट पर मंत्री इतने नाराज हुए कि थाने पहुंच गए।

थाने पहुंचकर अफसरों को फटकारा
मंत्री राठौड़ ने थाने पहुंचकर पुलिसवालों से कमांडो के साथ मारपीट करने पर सवाल-जवाब किए। इस दौरान पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गए। राज्यवर्धन ने मोबाइल में पीड़ित के साथ मारपीट के सबूत दिखाए। इस पर एसीपी संजय शर्मा ने तर्क दिया कि कमांडो ने पुलिसकर्मियों को गाली दी। मुझे भी गाली दी है।

एसीपी से बोले- यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए
नाराज मंत्री राठौड़ ने एसीपी संजय शर्मा के बीच में बोलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। राज्यवर्धन ने कहा- संजय जी, जब मैं बात कर रहा हूं तो आप क्यों बोल रहे हैं?

आपको तो बेसिक प्रोटोकॉल ही नहीं पता, मैं बात कर रहा हूं न। आप वहां किससे बात कर रहे हैं? उसे छोड़िए गाली तो बहुत छोटी चीज हो गई। ये तो मुझसे ही लड़ना चाहते हैं।

मैं यहां धैर्य से सब सुन रहा हूं, लेकिन संजय शर्मा कंटेस्ट करना चाहते हैं। जब आपसे बात की जाए तो जवाब दीजिए, नहीं तो सावधान में खड़ा रहिए। यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए।

मंत्री बोले- मैंने आपको धैर्य से कॉल किया, मुझसे ही लड़ रहे
राज्यवर्धन ने एसीपी से कहा- आपने बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। पुलिस के अंदर वर्दी है तो अलग रौब हो गया है। कोई धैर्य ,कोई पेशेंस, कुछ है? कोई जनता की सेवा मन में है या दादागिरी है? आप ऐसे लोगों को सामने क्यों रखते हो? मैंने आपको धैर्य से कॉल किया। मुझसे ही लड़ रहे हैं।

हम सेना में थे तो लोग हमें भी खूब गाली देते थे
मंत्री राज्यवर्धन ने पुलिस अफसरों से कहा- जिसके पास ताकत होती है, उसको धैर्य की बहुत जरूरत है। धैर्य होना चाहिए। जब हम सेना में थे। हमारे को लोग गाली गलौज नहीं करते थे क्या? हमसे भी बहुत गाली गलौज करते थे, लेकिन ध्यान नहीं देते थे। फर्क नहीं पड़ता। हम अपना काम करते हैं। आप अपना काम करते रहिए। आपको दिखाने की क्या जरूरत पड़ गई कि कौन ज्यादा ताकतवर है?

राज्यवर्धन बोले- दुख की बात, यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है
मंत्री राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा- कमांडो को पकड़कर पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र करके डंडों से खूब पिटाई की। फिर अपराधियों के बीच में बैठाकर पुलिसकर्मी उसे दोहराते हैं कि पुलिस भारतीय सेना की बाप है।

यह अत्यंत दुख की बात है। यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है। मैं वर्दी में रहा हूं। राजस्थान पुलिस पर विश्वास है कि ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले पुलिसवालों की जांच और इलाज करवाएं। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा है। देश की रक्षा करने वालों को वर्दी की धौंस दिखाना कायरता है।

राठौड़ ने कहा- यह सरकार के जीरो टॉलरेंस में आता है। पुलिस को पावर देश के संविधान और सरकार ने दी है। उसके पीछे जिम्मेदारी भी है। मैंने सैनिक की मेडिकल रिपोर्ट देखी है। तस्वीरें देखी हैं। एक भारतीय सैनिक को पांच-पांच पुलिसवाले मिलकर बुरी तरह ​पीट रहे हैं। उसे बिना कारण मारा गया।

मैंने डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से बात की है। मुझे लगा कि एक सैनिक के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है तो मेरा यहां आना जरूरी था, इसलिए यहां आया।