2024 नहीं 25 के चुनाव की तैयारी… BJP को मिल गई नीतीश-तेजस्वी की काट

Preparation for 2024, not 25 elections... BJP got the bite of Nitish-Tejashwi
Preparation for 2024, not 25 elections... BJP got the bite of Nitish-Tejashwi
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पटना: Bihar Politics: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बिहार की राजनीति नित नए रंग दिखा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के बाद बीजेपी बिहार में अपने बूते पर सत्ता में आने की तैयारी कर रही है। अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद 2025 में विधानसभा चुनाव भी हैं। इसके मद्देनजर बीजेपी ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए हाल ही संजय जायसवाल को हटाकर सम्राट चौधरी को प्रदेश पार्टी की कमान सौंप दी। कहा जा रहा है कि इसके जरिए बीजेपी ने महागठबंधन के कुशवाहा वोटबैंक को साधने की कोशिश की है। इसका फायदा उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलेगा। मगर बीजेपी की नजर सिर्फ 2024 नहीं बल्कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव पर भी है। सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से बीजेपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की काट मिल गई है।

सम्राट चौधरी बिहार के सबसे तेज उभरते नेताओं में से एक हैं। बीजेपी में अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने पहले विधायक, फिर मंत्री, उसके बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और अब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी पाई है। इसके साथ ही वह कुशवाहा समाज से आते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू कुर्मी और कुशवाहा को केंद्र में रखकर राजनीति जिसे लव-कुश समीकरण कहा जाता है। यह नीतीश का कोर वोटबैंक माना जाता है। बीजेपी ने सम्राट के रूप में जेडीयू के लव-कुश वोट की काट ढूंढी है।

सम्राट चौधरी सीएम कैंडिडेट बनने के कितने काबिल?
सम्राट चौधरी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से समर्थक उन्हें सीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने लगे हैं। उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपमा भी दी जाने लगी है। पिछले दिनों जब प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पटना आए तो उनके स्वागत में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए, जिनमें लिखा था ‘बिहार का योगी, आ गया सम्राट’। इन पोस्टरों में सम्राट को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बताया गया।

आ गया बिहार का योगी सम्राट चौधऱी, पटना में लगे पोस्टर
अब सवाल है कि बीजेपी 2025 में सम्राट चौधरी के चेहरे पर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ती है तो उसे कितना फायदा होगा? क्या वे सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाले नीतीश कुमार के खिलाफ मजबूत कैंडिडेट होंगे? दरअसल, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सम्राट को प्रदेश पार्टी की कमान सौंपकर उन्हें अपनी काबिलियत सिद्ध करने का मौका दिया है। यानी कि अगर 2024 चुनाव में वे बिहार में एनडीए का अच्छा प्रदर्शन करने में सफल हो जाते हैं तो उनके लिए 2025 में सीएम पद की राह खुल सकती है। नीतीश कुमार की अति पिछड़ा वोटरों पर खास पकड़ है। खासकर वे कुशवाहा और कुर्मी समाज के लोगों को ध्यान में रखकर राजनीति करते हैं। अब बीजेपी सम्राट चौधरी के जरिए नीतीश के इस वोटबैंक में चोट करने की कोशिश कर रही है। वह सम्राट को सिर्फ कुशवाहा ही नहीं बल्कि अति पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा बनाने में जुटी है। बता दें कि राज्य में कुशवाहा-कुर्मी वोटरों की संख्या करीब 12 फीसदी है।

दूसरी ओर, 2025 में बीजेपी के लिए सिर्फ नीतीश ही नहीं बल्कि तेजस्वी यादव भी सबसे बड़ी चुनौती हैं। नीतीश पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि बीजेपी ने इस बात को भी ध्यान में रखकर सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। तेजस्वी की तरह सम्राट भी चुवा चेहरा हैं। इसके साथ ही सम्राट चौधरी अपनी मुखरता के लिए जाने जाते हैं। नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद विपक्षी नेता के तौर पर उन्होंने सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी कारण वे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी बने। हालांकि, अगर बीजेपी सम्राट को सीएम चेहरा बनाती है, तो वे कितने कारगर साबित होते हैं तो यह समय ही बताएगा।