गोरखपुर। Vegetable Price Hike: मौसम की मार के कारण हरी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है तो इसका असर बाजार में दिख रहा है। महंगाई के कारण आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां दूर हैं, गरीब तबके के लोगों का आलू-प्याज ही सहारा है।
दुकानदारों का कहना है कि तापमान बढ़ने से सब्जियों का उत्पादन कम हो पा रहा है। बाजार में आवक कम होने के कारण सब्जियों की कीमत अधिक है, जबकि गृहणियों का कहना है कि हरी सब्जियों की महंगाई के कारण उन्हें खरीदने के बारे में सोचना पड़ता है। इस वर्ष मार्च में ही गर्मी की धमक होने से खेतों की नमी सूखने लगी थी। इसका असर सब्जियों के उत्पादन पर दिखने लगा। लगातार पंपिंगसेट से सिंचाई, कीटनाशक का छिड़काव और बढ़वार के लिए दवाओं के प्रयोग से लागत बढ़ने लगी। यही कारण है कि गांवों से बाजार में सब्जियों की आवक के बाद भी कीमत घट नहीं रही है। स्थानीय स्तर पर मांग के अनुरूप सब्जियों की आपूर्ति नहीं होने के कारण आढ़तिए बाहर से सब्जी मंगा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट का खर्च जुड़ने के कारण भी सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। इधर लगन का समय चल रहा है, मांगलिक समारोहों के कारण सब्जियों की मांग बढ़ गई है। उसका असर कीमत पर दिख रहा है।
क्या कहती हैं गृहणियां
गृहणी कामिनी ने बताया कि कीमत अधिक होने के कारण कम आय वर्ग के लोग हरी सब्जियां नहीं खरीद पा रहे हैं। किसी तरह आलू-प्याज खरीदकर काम चलाया जा रहा है।
गृहणी पूनम ने बताया कि तेल, दाल महंगा होने के कारण आम आदमी पहले से ही परेशान है। बाजार में हरी सब्जियों की कीमत काफी अधिक है, इसलिए वह थाली से दूर हैं।
सब्जी विक्रेता बोले
सब्जी विक्रेता साहिल ने कहा कि गर्मी के मौसम के कारण सब्जी की खेती की लागत बढ़ी है, इसलिए किसान कीमत अधिक ले रहे हैं। गांवों से कम मात्रा में सब्जियां बाजार में पहुंच रही हैं।
सब्जी विक्रता धरमू ने बताया कि सब्जी की मांग को पूरा करने के लिए आढ़तिए बाहर से मंगा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट का खर्च जुड़ जाने के कारण बाजार में सब्जियों की कीमत बढ़ रही है।
यह है सब्जियों की प्रति किग्रा कीमत
गोभी 60
टमाटर 30
भिंडी 50
कटहल 40
नेनुआ 60
बैगन 40
पत्ता गोभी 20
सतपुतिया 50
करेला 40
हरी मिर्च 40 कच्चा
केला 30
खीरा 30
लौकी 30
आलू 16
प्याज 20
शिमला मिर्च 80
गाजर 50
कोहड़ा 30
बोड़ा 50
मूली 40
सफेद बैगन 60
अदरक 180