राजस्थान में कर्मचारियों का प्रमोशन, गहलोत ने बदले नियम; 8 लाख कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा

Promotion of employees in Rajasthan, Gehlot changed the rules; 8 lakh employees will get direct benefit
Promotion of employees in Rajasthan, Gehlot changed the rules; 8 lakh employees will get direct benefit
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जयपुर. राजस्थान में चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने बड़ा दांव खेला है। इसका सीधा फायदा 8 लाख कर्मचारियों को होगा। अब तीसरा बच्चा होने के बाद भी कर्मचारी को पदोन्नति मिल सकेगी। कार्मिक विभाग ने ये आदेश जारी कर दिए।आदेश के 1 जून 2002 के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर भी कर्मचारी-अधिकारी को पदोन्नति मिल सकेगी। ऐसे में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। इससे पहले सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति पर 3 साल तक रोक लगा रखी थी। उनको प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी का फायदा 3 साल देरी से मिल पाता था।

सिलेक्शन ग्रेड भी रुक जाती थी

राज्य में जब भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी, तब साल 2004 में ये नियम लागू किया था। उस समय सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन को रोकने का फैसला किया था। गहलोत सरकार ने प्रमोशन समेत अन्य दूसरे लाभ 5 साल तक रोकने का निर्णय किया था। मतलब अगर कोई कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी 2005 में मिलना होता था तो उसे 1 जनवरी 2010 में दिया जाता था। इस दौरान उनकी सिलेक्शन ग्रेड को भी रोक दिया जाता था। इससे कर्मचारियों को बहुत नुकसान होता था।

5 से घटाकर किए थे 3 साल

कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक सरकार ने साल 2017 में इस प्रमोशन की अवधि को 5 से घटाकर 3 साल किया था। अब सरकार ने इस नियम को भी हटा दिया। अब 2 से ज्यादा बच्चे होने के बाद भी प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी को नहीं रोका जाएगा।बता दें हाउसिंग बोर्ड की ओर से इस मांग को सबसे पहले उठाया गया था। 2 साल पहले पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य से भी हमने मुलाकात करके और ज्ञापन देकर 3 साल तक प्रमोशन रोकने के निर्णय को वापस लेने की मांग की थी।