पंजाब विधानसभा चुनाव : नतीजों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति, आंकलन में जुटी कांग्रेस

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जालंधर: पंजाब विधानसभा के चुनावी नतीजे 10 मार्च को घोषित होंगे पर कांग्रेस उससे पहले पंजाब में आंकलन करने में जुट गई है। कांग्रेसी हलकों ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता चुनावों के संभावित नतीजों का आंकलन करने में लगे हुए हैं। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यह मान कर चल रहा है कि दोआबा में कांग्रेस की स्थिति बेहतर रह सकती है। इसके पीछे यह कारण दिया जा रहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कारण दलित वोट कांग्रेस के पक्ष में गया है।

कांग्रेसी हलकों ने बताया कि पिछली बार भी दोआबा क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। दोआबा में 23 विधानसभा सीटें आती हैं। दोआबा में अगर दलितों ने 50 प्रतिशत से अधिक वोटें कांग्रेस के पक्ष में डाली होंगी तो उससे विभिन्न सीटों के चुनावी नतीजों पर काफी असर पड़ेगा। इस तरह माझा क्षेत्र में भी आंकलन किया जा रहा है। माझा में कांग्रेस का मुख्य मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के साथ है। माझा में इस बार शिअद भी कई सीटें जीतने में कामयाब हो सकता है। कांग्रेस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है। कि उसका प्रदर्शन कितनी सीटों पर प्रभावशाली रहेगा।

मालवा क्षेत्र को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। मालवा में कांग्रेस यह देख रही है कि एक्टर दीप सिद्धू तथा डेरा फैक्टर का किस पार्टी के पक्ष में कितना असर जाता है। इसीलिए चुनावी नतीजों को लेकर अनिश्चितता का माहौल दिखाई दे रहा है परन्तु कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि दीप सिद्धू ने जिस तरह से मतदाताओं को आम आदमी पार्टी को वोट न देने की अपील की थी उससे वोटें या तो अकाली दल अमृतसर या फिर संयुक्त समाज मोर्चे को चली गई हैं। कांग्रेस इसे अपने हित में मानती है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा भाजपा व अकाली दल के पक्ष में कई सीटों पर मतदान करने का आह्वान किया गया। इसके असर का भी आकलन पार्टी करने में लगी हुई है। अब यह तो 10 मार्च को पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।