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जोधपुर। प्रदेश के किसी भी शहर की क्षेत्रीय विकास योजना और सेक्टर योजना के उल्लंघन में सार्वजनिक, कृषि या किसी अन्य भूमि पर अनधिकृत कब्जे या निर्माण का नियमन नहीं किया जाना चाहिए। राजस्थान हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है।
अदालत ने निर्देश दिया है कि जिन कस्बों और शहरों में क्षेत्रीय (जोनल) विकास योजना या सेक्टर योजना को कानून के अनुसार विधिवत मंजूरी नहीं दी गई है, वहां किसी भी व्यक्तिगत निर्माण या अनधिकृत रूप से विकसित कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी।
न्यायमूर्ति संगीत लोधा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग की खंड पीठ ने फलोदी के रोशन व्यास की एक याचिका पर ये निर्देश दिए। याचिका में नियमितीकरण के नियमों का उल्लंघन कर पट्टा विलेख जारी करने में सरकार द्वारा छूट पर आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा,‘हमने इस बात पर आपत्ति जताई कि ऐसे नियमों में अंधाधुंध तरीके से कानूनों में संशोधन किए बिना केवल एक परिपत्र द्वारा ढील नहीं दी जा सकती है।
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जोनल और सेक्टर योजनाओं के संबंध में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना में अनधिकृत कब्जे या निर्माण के नियमितीकरण की अनुमति नहीं होगी।
अदालत ने कहा कि यह साफ कर दिया गया है कि इस अदालत से जारी निर्देशों का उल्लंघन कर राज्य के किसी भी कस्बे या शहर में किसी भी नियमितीकरण को गंभीरता से लिया जाएगा। अदालत ने राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, जोधपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर विकास प्राधिकरण और फलोदी नगर बोर्ड को नोटिस जारी कर मामले को 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।