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जयपुर. राजस्थान का रोडवेज विभाग अपना स्थापना दिवस मनाने की तैयारियों में जुट गया है. विभाग ने परिवहन मंत्री ब्रजेन्द्र ओला को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी भेज दिया है. आगामी 1 अक्टूबर को राजस्थान रोडवेज के 59 साल पूरे हो जाएंगे. राजस्थान में 1 अक्टूबर 1964 को रोडवेज की स्थापना की गई थी. आज से 59 साल पहले विभाग ने 421 बसों के साथ अपनी शुरूआत की थी. उस समय केवल 8 आगार थे. वर्तमान में बसों की संख्या लगभग 3 हजार है और 52 आगार बन चुके हैं.
राजस्थान रोडवेज की बसों में प्रतिदिन सवा 8 लाख यात्री सफर करते हैं. 59 सालों में की गई लगातार तरक्की के बावजूद आज रोडवेज की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रोडवेज की 3 हजार बसों में से अधिकतर बसें कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं. हालांकि प्रदेश के सीएम गहलोत ने 1 हजार नई बसें खरीदने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. इसके अलावा पुराने अनुबंधकर्ता भी विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं.
विभाग में 10 हजार पदों पर होनी है भर्तियां
वर्तमान में राजस्थान के रोडवेज विभाग में 10 हजार से ज्यादा पद रिक्त हो चुके हैं. खाली पदों का सिलसिला साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है. लंबे समय से नई भर्तियां न होने के कारण विभाग कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. विभाग के कर्मचारियों को पेंशन न मिलने और समय पर वेतन न मिलने के कारण रोडवेजकर्मी अपनी मांगों को लेकर आए दिन आंदोलन करते हुए नजर आते हैं. ऐसे में स्थापना दिवस पर विभाग में नई भर्तियों का मुद्दा भी जोर पकड़ सकता है.
कर्मचारियों ने पिछले साल भी बयां किया था दर्द
राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों ने साल 2022 में सिंधी कैंप बस स्टैंड पर केक काटकर अपना स्थापना दिवस मनाया था. स्थापना दिवस की खुशियों के बीच उन्होंने अपना दर्द भी बयां करते हुए कहा था कि रोडवेज प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग होने के बावजूद सरकार इसको मिटाने में लगी है. रोजवेजकर्मी तीन- तीन महीने तक वेतन के लिए तरस रहे हैं. कोरोना की आपदा के समय भी रोडवेज ने अपनी सेवाएं प्रदान कर प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचाने का काम किया था.