राजस्थान में 6 महीने बाद खत्म हुई पटवारियों की हड़ताल, जानिए क्या हुआ समझौता

इस खबर को शेयर करें

जयपुर। प्रदेश में पिछले लगभग छह महीनों से पटवार मंडलों की ओर से किए जा रहे कार्य बहिष्कार के बाद उनकी समस्या का समाधान निकल गया है। पटवारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। शनिवार को सीएम निवास पर करीब एक घंटे चली बैठक के बाद उनकी कई मांगों पर सहमति बन गई है। राज्य सरकार ने राजस्थान पटवार संघ की अधिकांश मांगें मान ली है । उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिवालय पटवार संघ के साथ विभिन्न मांगों को लेकर दोनों पक्षों ने अपनी सहमति जता दी है। वहीं राजस्व विभाग ग्रुप (वन) ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

ये मानी गई है मांगे
आदेश के अनुसार पटवार कैडर में व्यापक स्थिरता को दूर करने के लिए पदोन्नति का एक और चैनल बनाया जाएगा। वरिष्ठ पटवारियों के पदों का सृजन भी किए जाएंगे। अतिरिक्त कार्य भत्ता एवं बहुआयामी भत्ते में 50 फ़ीसदी वृद्धि की जाएगी। गैर वित्तीय समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन होगा। 3 महीने में कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।

जनता को भी मिलेगी बड़ी राहत
उललेखनीय है कि छह महीने से चल रही पटवारियों की हड़ताल के खत्म होने से आम जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी। हड़ताल के कारण जहां गांवों में जमीनों की लिखा- पढ़ी से जुड़े कई काम बाधित थे। वहीं शहरों में आमजन के जाति प्रमाण पत्र, ईडब्ल्युएस सर्टिफिकेट, मूल निवास और गिरदावरी सहित कई कार्य नहीं हो पा रहे थे, जो अब जल्द ही सुचारू हो पाएंगे।

सीएम गहलोत हम कार्मिकों के हितों के लिए
उल्लेखनीय है कि पटवारियों के साथ सहमति बनने के बाद सीएम गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पटवारियों के प्रतिनिधियों को यह संदेश दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की इस सहमति के बाद पटवारी पूरी तत्परता के साथ प्रदेशवासियों की सेवा में जुटेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार राजकीय कार्मिकों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। पटवारियों सहित अन्य कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण एवं उनकी न्यायोचित मांगों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार करने के लिए हमेशा तैयार है। इधर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पटवारी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की धरातल पर सबसे मजबूत इकाई के रूप में हर समय सक्रिय रहते हैं। ऐसे में राज्य सरकार भी पटवारियों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। इसी का परिणाम है कि पटवारियों की विभिन्न मांगों पर बातचीत के माध्यम से सकारात्मक समाधान निकाला गया है। वहीं सहमति बनने के बाद पटवार संघ की ओर से भी सरकार का आभार जताया गया।