राजस्थान में बिजली संकट को लेकर बड़ी खबर, जानकार मिलेगी राहत

इस खबर को शेयर करें

Jaipur: राजस्थान में विद्युत उत्पादन (Power Generation) के हालात अब सुधरने लगे हैं. कोल खदानों (Coal mines) से आठ दिनों में कोयले की 166 रैक डिस्पैच, सूरतगढ़ की दूसरी इकाई में 250 मेगावाट सहित चार इकाइयों में 1705 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरु हुआ है. साथ ही प्रदेश के आए मौसम में बदलाव से बिजली की घरेलू मांग में भी कमी आई है.

प्रदेश में बिजली उत्पादन में अब सुधार है. सूरतगढ़ में एक और इकाई में विद्युत उत्पादन आरंभ कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agarwal) ने बताया कि राज्य में कोयला की आपूर्ति (Coal supply) में कमी और विद्युत संकट (Power crisis) के हालात अब बदलने लगे हैं.

अधिक रैक भी होने लगी है प्राप्त
6 अक्टूबर से लेकर 15 अक्टूबर तक प्रदेश में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों एनसीएल और एसईसीएल (NCL and SECL) से जहां 65 रैक कोयला की डिस्पेच होकर प्राप्त हुई है. वहीं, राज्य सरकार की पीकेसीएल से कोयले की 101 रैक डिस्पेच हुई है. एसीएस ऊर्जा (ACS Energy) डॉ. सुबोध अग्रवाल कि पिछले दिनों नई दिल्ली (New Delhi) में कोयला सचिव, पॉवर सचिव और पर्यावरण सचिव से चर्चा के दौरान प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखा गया, जिस पर केन्द्रीय सचिवों ने कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के स्पष्ट संकेत देने के साथ ही अधिक रैक भी प्राप्त होने लगी है.

मौसम बदलने से डिमांड भी घटी
पिछले आठ दिनों में चार इकाइयों में कराीब 1700 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरु किया गया है. सूरतगढ (Suratgarh News) में 250 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की इकाई में उत्पादन शुरु हो गया हैं, कालीसिंध तापीय (Kalisindh Thermal) में 600 मेगावाट, कोटा तापीय विद्युत गृह (Kota Thermal Power Station) में 195 और सूरतगढ़ विद्युत गृह (Suratgarh Power House) में यूनिट 6 में 660 मेगावाट का उत्पादन आरंभ हो गया है. मौसम बदलने से डिमांड भी 1 करोड़ यूनिट घटकर 23 करोड़ यूनिट प्रतिदिन रह गई है