राकेश टिकैत की अग्निपरीक्षा! ऐसा हुआ तो घर में ही हो जायेगा ‘भंड खराबा’

Rakesh Tikait's ordeal! If this happens, you will not be able to show your face at home
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मुजफ्फरनगर। पूरे देश में किसानों के नेता बने घूम रहे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के लिये अग्निपरीक्षा की घडी आने वाली है। यूपी के विधानसभा चुनाव में किसानों की राजधानी सिसौली में अगर गठबंधन उम्मीदवार की हार हुई तो राकेश टिकैत के लिये भारी मुश्किलें खडी हो जायेंगी। दरअसल सिसौली गांव में भाजपा को भारी मात्रा में वोट मिलता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी डा. संजीव बालियान को स्व. चौधरी अजित सिंह से बहुत ज्यादा वोट मिला था।

किसान आंदोलन चलाकर 13 महीने से भाजपा के खिलाफ जनता को टयूशन दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत की 10 फरवरी को परीक्षा होने वाली है। क्योंकि अगर अपने घर सिसौली के लोगों को ही राकेश टिकैत ठीक से टयूशन नहीं दे पाये तो क्या होगा। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम अभी से इसका संकेत दे रहे है। डा. संजीव बालियान और चौधरी अजित सिंह की टक्कर में किसानों की राजधानी सिसौली में भाजपा ने रालोद को भारी वोटो से हरा दिया था। सिसौली में डीएवी इण्टर कॉलेज में 148 से 152 नम्बर तक पांच बूथ पर मतदान हुआ था। इन पांचों बूथों पर कुल 4812 वोटर थे, इनमें से 3368 ने अपने वोट डाले। इन वोटरों में से 1205 ने अजित सिंह और 1923 ने डा. संजीव बालियान को वोट दिया था। यहां संजीव बालियान ने अजित सिंह से 718 वोट ज्यादा प्राप्त किये। सिसौली बुढ़ाना विधानसभा का हिस्सा है, उस सीट पर अजित सिंह ने संजीव बालियान को पराजित किया। अजित सिंह ने मुजफ्फरनगर लोकसभा की बुढ़ाना सीट पर 1 लाख 32 हजार 940 वोट पाये, जबकि संजीव बालियान को यहां पर 1 लाख 16 हजार 295 वोट मिले थे, लेकिन उस समय बसपा भी गठबंधन में शामिल थी, लेकिन इस बार वह चुनाव मैदान में है। बसपा ने बुढाना से मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है।