यूपी के आयुष कॉलेजों को एनओसी देने में भी पांच लाख की वसूली

Recovery of five lakhs even in giving NOC to Ayush colleges of UP
Recovery of five lakhs even in giving NOC to Ayush colleges of UP
इस खबर को शेयर करें

लखनऊ। आयुष कालेजों में फर्जी दाखिला देने के नाम पर ही नहीं उन्हें स्नातक (यूजी) व स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स चलाने के लिए एनओसी देने के नाम पर भी पांच-पांच लाख रुपये की वसूली की गई। मानकों की अनदेखी कर एनओसी बांटी गई।

फर्जी दाखिले के प्रकरण में गिरफ्तार किए गए तत्कालीन प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) डा. उमाकांत ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह के साथ मिलकर पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी व आयुष विभाग के उच्चाधिकारियों को धन बांटा।

पूर्व मंत्री को फर्जी दाखिले व कालेजों की एनओसी के लिए कुल 1.05 करोड़ रुपये की घूस दी गई। हाईकोर्ट ने सीबीआइ से जांच कराने निर्देश देने के बाद अब पूर्व मंत्री व अधिकारियों की मुसीबत बढ़ना तय है। डा. उमाकांत ने जो बयान दर्ज कराए हैं उसके अनुसार दो प्राइवेट कालेजों के प्रबंधक के माध्यम से वर्ष 2021 में यूजी कक्षाओं में दाखिले के लिए कुल 1.10 करोड़ रुपये और पीजी कक्षाओं में दाखिले के लिए 50 लाख रुपये दिए गए। वहीं मानकों को दरकिनार कालेजों को एनओसी देने के लिए कालेजों से पाचं-पांच लाख रुपये वसूले गए।

पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के पीएस राज कुमार दिवाकर के माध्यम से पूरी डील की गई। सहारनपुर के जामिया तिब्बिया यूनानी कालेज के संचालक डा. अनवर सईद व मुजफ्फरनगर के भारत आयुर्वेद मेडिकल कालेज के संचालक डा. अकरम ने कालेजों से धन एकत्र किया। जिसमें वर्ष 2019 के सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश का हवाला देकर सीटें मनमाने ढंग से भरी गईं।

दो बार में पूर्व मंत्री को 65 लाख रुपये फर्जी ढंग से किए गए दाखिले के लिए दिए गए। वहीं 26 लाख रुपये शासन स्तर पर तैनात उच्चाधिकारियोंको दिए गए और 25 लाख रुपये आयुष विभाग के एक बड़े अफसर को दिए गए। 24 लाख रुपये गिरफ्तार किए गए पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह ने लिए थे। यही नहीं बयान में दो बार में पांच लाख रुपये डा. पीसी सक्सेना को भी दिया जाना स्वीकार किया है।

यह वर्तमान में आयुर्वेद निदेशक हैं। ऐसे में इनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं आठ लाख रुपये तत्कालीन निदेशक, मूल्यांकन एवं पाठ्यक्रम प्रो.सुरेश चंद्र, दो लाख रुपये संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह व एक लाख रुपये सेक्शन अफसर विष्णु श्रीवास्तव को दिया जाना स्वीकार किया गया है। अक्टूबर-नवंबर वर्ष 2020-21 में एनओसी के नाम पर कालेजों से पांच-पांच लाख रुपये वसूले गए।

दूसरे राज्यों से दलालों की मदद से ठेके पर लाए गए विद्यार्थी
प्राइवेट कालेजों को सीटें भरने के लिए खुली छूट दे दी गई। उन्होंने महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश व उत्तराखंड इत्यादि राज्यों से दलालों की मदद से विद्यार्थी लाए गए। आयुर्वेद कालेज में दाखिले के लिए पांच लाख, होम्योपैथी कालेज में दाखिले के लिए साढ़े तीन लाख और यूनानी कालेज में दाखिले के लिए ढाई लाख रुपये इन छात्रों से वसूले गए। कुल 891 फर्जी दाखिले कराए गए।