हरियाणा में फेसबुक पर लोगों को ब्लैकमेल करने वाली रेणु राणा की जमानत याचिका खारिज

इस खबर को शेयर करें

पानपीत. फेसबुक व्हाट्सएप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग कर विभिन्न लोगों को ब्लैकमेल व बदनाम करने की साजिश करने वाली महिला रेणु राणा द्वारा पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की याचिका को खारिज कर दिया गया है. पिछले दिनों पंचकूला कोर्ट ने ब्लैकमेलिंग की आरोपी रेणु राणा के अरेस्ट वारंट जारी किए हैं. रेणु राणा पर आरोप है कि उसने एफआईआर नम्बर 58, धारा आईटी एक्ट 67, 384, 500, 506 आईपीसी, दिनांक 8 फरवरी 2022 पुलिस स्टेशन सैक्टर-14, में साइबर क्राइम टीम को अभी तक जांच में सहयोग नही किया है.

सरकार की तरफ से डिप्टी एडवोकेट जरनल ने सभी तथ्य कोर्ट में पेश किए. पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों तफ्तीश करने के लिए पंचकूला की साइबर क्राइम सेल पानीपत पहुंची. लेकिन पानीपत के महिला थाना में लंबे कई घंटों के इंतजार के बाद खाली हाथ लौट गई. आरोपी रेणु राणा 23 मार्च को भी शामिल तफ्तीश होने के लिए पंचकूला साइबर क्राइम थाना में पहुंची थी. लेकिन तबीयत खराब होने का हवाला देकर स्वयं 26 मार्च शामिल तफ्तीश होने के अनुरोध पर वापस लौट आई थी.
विज्ञापन

इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह ढांडा के नेतृत्व में पंचकूला साइबर क्राइम सेल की टीम को रेणु राणा के खिलाफ एफआईआर नम्बर 58, धा6रा आईटी एक्ट 67, 384, 500, 506 आईपीसी, दिनांक 8 फरवरी 2022 पुलिस स्टेशन सैक्टर-14, पंचकूला में मुख्य अभियुक्त रेणु राणा की तलाश पंचकूला पुलिस को है.

जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर ब्लैकमेलिंग की आरोपी महिला रेणु राणा ने अतीत में भी इससे पहले भी वह पानीपत में कई लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का गलत प्रयोग करते हुए पानीपत पुलिस को दरखास्त दे चुकी है. फिर उस पर कथित तौर पर मोटी रकम लेकर समझौता लिख चुकी है. साइबर क्राइम पुलिस की टीम इन मामलों की परतें भी अपनी जांच के दौरान खोल सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो संभव है कि आरोपी रेणु राणा के उत्पीड़न के कई लोग सामने आ सकते हैं.

गौरतलब है कि ब्लैकमेलिंग की आरोपी रेणु राणा खुद को एक समाजसेवी के रूप में प्रदर्शित करती हैं. जबकि अतीत में वह खुद को आम आदमी पार्टी की नेता के रूप में पेश करती थी. जो कि आजकल यह खुद को इनेलो से संबंधित बताकर प्रचार कर रही है. इस कथित ब्लैकमेलर रेणु राणा के खिलाफ देहरादून के थाना डाकपत्थर में एक दहेज उत्पीड़न मारपीट जान से मारने की धमकी व धोखाधड़ी का मुकदमा नंबर 1510, 12-3-2022 को उत्तराखंड पुलिस ने शिकायतकर्ता शिवानी की दरखास्त पर दर्ज किया है.