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नई दिल्ली . खाद्य तेलों के दाम में उबाल से सरकार चिंचित है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के बाद खाद्य तेलों के आयात के लिए भारत नए बाजारों की तलाश पर विचार कर रहा है. भारत खाद्य तेल का बहुत बड़ा हिस्सा आयात करता है. सीतारमण के मुताबिक, दोनों देशों के बीच संघर्ष के कारण भारत को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है.
सीतारमण ने कहा, “सभी जानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. तेल आयात करने में कई समस्याएं हैं. आप जानते हैं कि हम खाद्य तेल का आयात नहीं कर पा रहे हैं. हमें वहां से सूरजमुखी का तेल मिल रहा था.” सरकार अब कई अन्य बाजारों से खाद्य तेलों का आयात कर रही है और नए बाजारों पर भी विचार कर रही है.
वित्त मंत्री के मुताबिक, यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण उद्योगपतियों के लिए भी निर्यात के लिए उन बाजारों में अवसर पैदा हुआ है. इससे पहले, यूक्रेन और रूस कुछ बाजारों में निर्यात कर रहे थे. अब वे निर्यात नहीं कर रहे हैं. हमें उन देशों में निर्यात करने का अवसर मिला है. उद्योगपतियों को प्रत्येक चुनौती को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए. केंद्र सरकार उन्हें समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है.
इंडोनेशिया ने निर्यात पर लगाई है रोक
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं. कच्चा सोयाबीन तेल मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है. वहीं, कच्चा सूरजमुखी तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता रहा है. इंडोनेशिया के खाद्य तेल निर्यात पर रोक के फैसले और अन्य कारणों से तेल के दाम आसमान छू रहे हैं.