बिहार में ईंट-भट्ठे लगाने के लिए नियम किए गए सख्त, नई गाइडलाइन जारी

Rules made strict for setting up brick kilns in Bihar, new guidelines issued
Rules made strict for setting up brick kilns in Bihar, new guidelines issued
इस खबर को शेयर करें

पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नए ईंट भट्ठे लगाने के नियमों को सख्त कर दिया है। नए नियमों के संबंध में सभी राज्यों को भी अवगत करा दिया गया है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने नए ईंट भट्ठे की स्थापना के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है। नई व्यवस्था में भट्ठे के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। मंत्रालय की पहली प्राथमिकता ईंट भट्ठे से होने वाले प्रदूषण को रोकना है।

प्रदूषण रोकना प्राथमिकता
खान एवं भू-तत्व विभाग से मिली जानकारी के नए नियमों के तहत भविष्य में भट्ठे केवल अनुमोदिन प्राकृतिक गैस, कोयला, कृषि अपशिष्टों से ही संचालित होंगे। भट्ठे के लिए चिमनी की न्यूनतम ऊंचाई बढ़ाई गई है। जिन भट्ठों की क्षमता 30 हजार ईंट प्रतिदिन से कम है, उन्हें उन्हें चिमनी की ऊंचाई ऊंचाई 14 मीटर रखनी होगी। वहीं 30 हजार से अधिक ईंट निर्माण करने वाले भट्ठों को 16 मीटर ऊंची चिमनी की व्यवस्था करनी होगी। विभाग के अनुसार धुआं निकलने के लिए चिमनी की ऊंचाई बढ़ने से भट्ठे के आसपास प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

दूरी के नियमों का पालन भी करना होगा
जानकारी के अनुसार नए ईंट भट्ठों को स्कूल, अस्पताल, नर्सिंग होम के अलावा कोर्ट, सरकारी दफ्तर से कम से कम आठ सौ मीटर की दूरी के नियम का पालन करना होगा। इस मापदंड का पालन करते हुए ही नया भट्ठा खोलने का आवेदन दिया जा सकेगा। इसी प्रकार नए भट्ठे राष्ट्रीय व राजकीय राजमार्ग से कम से कम दो सौ मीटर की दूरी पर होंगे। फोरलेन उच्च मार्ग से यह दूरी तीन सौ मीटर निर्धारित की गई है। नदियों और प्राकृतिक जल स्रोत से यह दूरी पांच सौ मीटर निर्धारित की गई है। इको सेंसेटिव जोन में भट्ठे किसी भी हालत में स्थापित नहीं हो सकेंगे।

पुराने भट्ठों के लिए भी नई गाइडलाइन में व्यवस्था
नई व्यवस्था में पुराने ईंट भट्ठों के लिए यह प्रविधान किया गया है कि यदि वे नए नियमों का अपना कर भट्ठे चलाना चाहते हैं तो उन्हें दो वर्ष के अंदर तमाम व्यवस्था करनी होगी। यही नहीं प्रदूषण से बचाव के लिए राज्यों में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो प्रविधान किए गए हैं उनका भी इस दौरान कड़ाई पालन किया जाएगा। खान एवं भू-तत्व विभाग ने केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन जारी करते हुए इससे जिलों को भी अवगत करा दिया है।