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Vladimir Putin Arrest Warrant: रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है. पुतिन पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया गया है. एक तरफ जंग के मैदान में यूक्रेन (Ukraine) की सेना ने पुतिन की मुश्किल बढ़ा रखी है तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के गिरफ्तारी वारंट से पुतिन को भड़का दिया है हैं. रूस ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant) पर करारा जवाब दिया है. क्रेमलिन ने अरेस्ट वारंट को टॉयलेट पेपर करार दिया है. क्रेमलिन (Kremlin) ने कहा कि आईसीसी का ये कदम अवैध है. मॉस्को इसको मान्यता नहीं देता है. आईसीसी के पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट के बाद टॉप रूसी अधिकारी भी आगबबूला हैं. आईसीसी के इस फैसले का वे कड़ा विरोध कर रहे हैं.
क्या बढ़ने वाली है पुतिन की मुश्किल?
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुए एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. न रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जिद छोड़ने को तैयार हैं और ना ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की हार मानने को तैयार हैं. पश्चिमी देश यूक्रेन को हर संभव मदद पहुंचाकर पुतिन के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. इसके बावजूद रूस यूक्रेन को तबाह करने पर तुला है. यूरोपीय देशों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
गिरफ्तारी के 2 वारंट हुए जारी
अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेन की स्थिति में रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बच्चों के अधिकारों के लिए रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा की गिरफ्तारी के दो वारंट जारी किए हैं. कोर्ट ने कहा कि 24 फरवरी, 2022 को रूस के आक्रमण की शुरुआत से यूक्रेनी कब्जे वाले क्षेत्र में कथित रूप से अपराध किए गए थे. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि लेकिन सवाल ये है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट की न तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है और अमेरिका भी उसे नहीं मानता, लेकिन मुझे लगता है कि इससे सख्त संदेश गया है.
रूस ने दिया करारा जवाब
वहीं, क्रेमलिन ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया है. क्रेमलिन ने कहा है कि आईसीसी के फैसले का कानूनी रूप से कोई महत्व नहीं है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि पुतिन के खिलाफ आईसीसी का वारंट जारी करना सिर्फ एक शुरुआती कदम है. आईसीसी के फैसले को जेलेंस्की ने न्याय बहाल करने की दिशा में पहला कदम बताया. वहीं ब्रिटेन ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है.