Sahara India Latest News : क्या आपका भी पैसा सहारा की इन 4 सहकारी समितियों में फंसा है? अच्छी खबर आई है

Sahara India Latest News: Is your money also stuck in these 4 co-operative societies of Sahara? good news has come
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नई दिल्ली : सहारा ग्रुप की कंपनियों (Sahara Group Companies) में देश के करोड़ों लोगों का पैसा फंसा हुआ है। निवेशक लंबे समय से अपना पैसा वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब लगता है कि लोगों को और अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जल्द ही सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सकता है। यह आस बंधी है सरकार की एक दरख्वास्त से, जो उसने देश के सबसे बड़े कोर्ट से की है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा है कि सहारा-सेबी फंड (Sahara-Sebi Fund) में से 5,000 करोड़ रुपये अलॉट किये जाएं। इस पैसे को उन 1.1 करोड़ लोगों को दिया जाए, जिनका पेमेंट लंबे समय से फंसा हुआ है। सहारा-सेबी फंड में इस समय 23,937 करोड़ रुपये जमा हैं। सरकार चाहती है कि इस फंड में से पैसा निकाल कर ग्रुप के निवेशकों को दे दिया जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में कदम उठाता है तो ग्रुप के 1.1 करोड़ लोगों को अपना फंसा पैसा वापस मिल सकता है।

चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में फंसा है पैसा

सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज (Sahara Group Cooperative Societies) में लंबे समय से लोगों का पैसा फंसा हुआ है। ये सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारा यूनिवर्सिल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी हैं। मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन की तरफ से पेश एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कोर्ट को बताया कि इन कोऑपरेटिव सोसाइटीज ने 9 करोड़ से ज्यादा निवेशकों से 86,673 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे। इसमें से 62,643 करोड़ रुपये एंबी वैली में निवेश किए गए थे। सहारा पर आरोप लगे हैं कि उसने निवेशकों का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया। सहारा ग्रुप की कंपनियों की आपस में सांठगांठ थी। कंपनियों ने निवेशकों के पैसों की लॉन्ड्रिंग की और उसे एक एसेट में लगाया।

नवंबर 2010 में लगी रोक

सहारा ग्रुप की तरफ से जब आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन किया गया तो गड़बड़ियों का पता चला। सहारा ने सेबी में DRHP दाखिल किया था। सेबी ने इसकी जांच की तो कई खामियां मिलीं। इसके बाद से सहारा पर शिकंजा कसता चला गया। 24 नवंबर 2010 को सेबी ने सहारा ग्रुप पर किसी भी तरीके से जनता से पैसा जुटाने पर रोक लगा दी। जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उसने 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा। यह राशि 24,029 करोड़ रुपये थी।

रेकॉर्ड नहीं मिला तो अटक गया लोगों का पैसा

सेबी को 53,642 बॉन्ड सर्टिफिकेट या पासबुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले। ये 81.70 करोड़ रुपये के लिए थे। सेबी ने इनमें से 48,326 बॉन्ड सर्टिफिकेट/पासबुक वाले 17,526 निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये की रकम रिफंड कर दी। इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूलधन और 67.98 करोड़ ब्याज था। जो आवेदन बचे उन्हें रद्द कर दिया गया क्योंकि सहारा द्वारा दिये दस्तावेजों में उनका रेकॉर्ड नहीं मिल पाया था।

सहारा-सेबी फंड में रिफंड के बाद हैं 23,937 करोड़

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट को 25,781 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था। दोनों कंपनियों ने मिलकर मिलकर 15,569 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। इस पर 9,410 करोड़ रुपये ब्याज बना है। इस तरह सहारा-सेबी फंड में कुल 24,979 करोड़ रुपये जमा हुए। रिफंड के बाद इस फंड में 23,937 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं। सरकार इसी फंड में से 5,000 करोड़ रुपये निकालकर निवेशकों को देना चाहती है।