- सुहागरात ही क्यों होती है, सुहागदिन क्यों नहीं, जानिये मजेदार वजह - April 25, 2024
- फोन में दिखे ये 8 संकेत, तो समझ जाएं हो रही है आपके फोन की जासूसी! - April 25, 2024
- वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंकता बच्चा कैमरे में कैद, वीडियो देख भड़के लोग - April 25, 2024
मुजफ्फरनगर। चितौड़ा कृषि विज्ञान केंद्र पर आधुनिक गुड़ प्रसंस्करण इकाई के आधुनिक कोल्हू में केंद्र के वैज्ञानिकों ने गुड़ बनाकर परीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकी युक्त गुड़, गुणवत्ता युक्त गुड़, बनाकर किसान कम लागत में दोगुना मुनाफा कैसे कमा सकते हैं।
गांव चितौड़ा कृषि वैज्ञानिक केंद्र पर केंद्र के प्रभारी एवं वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि आधुनिक तकनीकी युक्त गुड, गुणवत्ता युक्त गुड बनाकर किसान अपनी आमदनी दो दुगनी कर सकते हैं।आधुनिक कोल्हू के माध्यम से एक क्वंटल गन्ने से 65 किलो रस निकाला जा सकता है, जबकि पुराने कोल्हू से मात्र 35 किलो रस प्राप्त होता है। आधुनिक भट्टियाें का प्रयोग कम ऊर्जा और समय में गुणवत्ता युक्त गुड़ विभिन्न प्रकार के सांचों में डाल कर तैयार किया जा सकता है। जिससे पहले तैयार करने में 3 से साढ़े 3 घंटे लगते थे। आमतौर पर गन्ने के रस को उबालने में इसकी सफाई एवं रंग बेहतर करने के लिए अवांछित रसायन मिलाने पड़ते थे।
डॉ. संजय कुमार का कहना है कि 1000 लीटर गन्ने के रस की गंदगी निकालने के लिए वनस्पति शोधक 2 किलो जंगली भिंडी या फालसा के रस को कढ़ाहा में डालना चाहिए। डॉक्टर संजय का कहना है कि गुड़ की गुणवत्ता एवं स्वाद को बढ़ाने के लिए सौंठ, बदाम व मूंगफली, तेल, अलसी, हल्दी अजवाइन एवं आंवला जैसी चीजें मिलाकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक सुरेंद्र सिंह कर्मचारी व किसान भी मौजूद रहे।