वैज्ञानिकों ने बताया ऐसा रोबोट, अब आदमी की तरह कर सकेगा प्रजनन

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लंदन। रोबोट्स विज्ञान की तरक्की का एक जीता-जागता उदाहरण हैं। विज्ञान का दावा है कि आज रोबोट्स ज्यादातर वे काम कर सकते हैं जो इंसान करते हैं, फिर चाहें वह फूड डिलिवरी हो या होम सर्विस। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला रोबोट बना लिया है जो ‘प्रजनन’ भी कर सकता है। इन मिलीमीटर आकार की जीवित मशीनों को जेनोबॉट्स 3.0 कहा जा रहा है।

जेनोबॉट्स न तो पारंपरिक रोबोट हैं और न ही जानवरों की प्रजाति, बल्कि जीवित प्रोग्राम करने योग्य जीव हैं। मेंढक की कोशिकाओं और कंप्यूटर से डिजाइन किए गए जीवों को एक अमेरिकी टीम ने बनाया है। ये ‘पैक-मैन’ जैसे अपने मुंह के अंदर एकल कोशिकाओं को इकट्ठा करते हैं और ‘शिशुओं’ को बाहर निकालते हैं जो अपने माता-पिता की तरह दिखते और गति करते हैं। स्व-प्रतिकृति जीवित जैव-रोबोट दर्दनाक चोट, जन्म दोष, कैंसर, उम्र बढ़ने जैसी चीजों के लिए दवा और इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं।

पहले भी कमाल कर चुके हैं जेनोबॉट्स
जेनोबॉट्स दरअसल टफ्ट्स यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मोंट के जीवविज्ञानी और कंप्यूटर वैज्ञानिकों का कमाल है। जेनोबॉट्स 3.0 अपने मूल संस्करण जेनोबॉट्स का अनुसरण करता है जिसे 2020 में ‘पहले जीवित रोबोट’ के रूप में रिपोर्ट किया गया था। वहीं जेनोबॉट्स 2.0, सिलिया नामक अपने पैरों का इस्तेमाल करके खुद को आगे बढ़ा सकता था और उसमें याद रखने की क्षमता भी थी।

खुद के जैसे ‘बच्चे’ पैदा करने में सक्षम
इस रिसर्च के लेखक, कंप्यूटर वैज्ञानिक और वर्मोंट विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स विशेषज्ञ जोशुआ बोंगार्ड ने कहा कि हमने देखा कि जेनोबॉट्स चल सकते हैं, हमने देखा कि जेनोबॉट्स तैर सकते हैं और अब हम देखेंगे ऐसे जेनोबॉट्स जो धीरे-धीरे अपनी संख्या को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमने पाया है कि जीवों या जीवित प्रणालियों के भीतर पहले से एक अज्ञात स्थान है। टीम का दावा है कि ज़ेनोबॉट्स कंप्यूटर-डिज़ाइन किए गए जीवों को विकसित करने में मदद करेंगे।