भारी बारिश के कारण शामली की सेना भर्ती की गई स्थगित, परेशान हुए अभ्यर्थी

Shamli army recruitment postponed due to heavy rain, candidates upset
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मुजफ्फरनगर। एआरओ मेरठ के अन्तर्गत चल रही अग्निवीर थल सेना भर्ती पर आखिरकार मौसम ने अडंगा डाला है। आज होने वाली शामली जनपद की तीन तहसीलों की भर्ती को भारी बरसात के कारण आज सवेरे स्थगित कर दिया गया। इसके बाद 24 घंटे से जिला मुख्यालय पर जमा शामली के अभ्यर्थियों को मायूस होकर वापसी की राह पकड़नी पड़ी। आज करीब 6 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामली जनपद से जिला मुख्यालय पर भर्ती रैली में शारीरिक दक्षता के पैमाने पर अपनी परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। सवेरे भर्ती रैली के स्थगित होने का ऐलान एआरओ मेरठ से किया गया तो अभ्यर्थियों को मायूसी हुई, वहीं बच्चों ने बताया कि मैदान काफी गीला है, बारिश से बचने के साधन और अधिक जुटाने की आवश्यकता है। इसके लिए जिला प्रशासन को रेत मुहैया कराने के साथ ही मैदान पर भरा पानी निकालने के लिए जेसीबी और पम्पिंग सेट का प्रबंध कराने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

एआरओ मेरठ के द्वारा जनपद मुजफ्फरनगर में 20 सितंबर से 10 अक्टूबर तक अग्निवीर थल सेना के लिए अग्निवीर सैनिक के विभिन्न पदों पर 13 जनपदों की भर्ती रैली का आयोजन कराया जा रहा है। अभी तक नोएडा, हापुड़ और रामपुर जनपदों की भर्ती पूरी की गयी है। कई दिनों से खराब मौसम व्यवस्था में विघ्न बना हुआ है। गुरूवार को रामपुर जनपद की 6 तहसीलों की भर्ती के दौरान भी भारी बारिश बाधा बनी थी। एक बार तो भर्ती को स्थगित करने का निर्णय कर लिया गया था, लेकिन अभ्यर्थियों के जोश और उनके आग्रह को देखते हुए बारिश के बीच ही भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराया गया, लेकिन देर रात से ही भारी बारिश होने के कारण तमाम व्यवस्था चौपट हो जाने और भर्ती रैली के लिए स्टेडियम में भारी जलभराव होने व कीचड़ के दलदल का रूप ले लेने के कारण आज सवेरे गहन विचार विमर्श के उपरांत आज की भर्ती रैली को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

एआरओ मेरठ के निदेशक कर्नल सोमेश जसवाल ने बताया कि भारी बारिश के कारण तमाम व्यवस्था चौपट हो गयी थी और मैदान पर पानी भरने के कारण दौड़ कराना नामुमकिन हो गया। यहां पर मिट्टी भराव का काम कराया गया, लेकिन उससे बारिश के कारण दलदल जैसी स्थिति बनने के कारण आज जेडआरओ से आये निर्देश के तहत जनपद शामली की भर्ती रैली को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि आज जनपद शामली की तीन तहसीलों शामली सदर, ऊन और कैराना के अभ्यर्थियों की भर्ती रैली का आयोजन होना था। इसके लिए कल से ही भारी संख्या में अभ्यर्थी यहां पर पहुंचे थे। उनको मैदान पर बारिश के बीच ही एंट्री दी गयी, लेकिन दौड़ कराने की व्यवस्था पर बारिश ने पानी फेर दिया। इसके कारण शीर्ष निर्देशों पर आज की भर्ती रैली को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब जनपद शामली की तीन तहसीलों के अभ्यर्थियों की भर्ती रैली 11 अक्टूबर को आयोजित कराई जायेगी। इसके लिए अभ्यथियों को अपने प्रवेश पत्र और मूल दस्तावेजों तथा प्रमाण पत्रों के साथ 10 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर पहुंचना होगा। 10 अक्टूबर की रात्रि में उनको एंट्री मिलेगी और 11 अक्टूबर को सवेरे 6 बजे दौड़ आयोजित कराई जायेगी।

वहीं अभ्यर्थियों ने भर्ती रैली स्थगित हो जाने पर मायूसी जाहिर करते हुए बताया कि रात्रि में वह मैदान के अंदर पहुंच गये थे, लेकिन बारिश से बचने के लिए किये गये इंतजाम पूरे नहीं होने के कारण उनको पूरी रात बारिश में ठण्डे पानी में भीगना पड़ा। सभी अभ्यर्थी बनाये गये शेड के नीचे नहीं आ पाये। सैन्य कर्मियों ने ज्यादा से ज्यादा बच्चों को बारिश में भीगने से बचाने का प्रयास किया, लेकिन अभी मैदान पर खराब मौसम को देखते हुए और भी वाटर प्रुफ शेड लगाने की आवश्यकता है, इसके लिए त्वरित कार्यवाही के तहत कार्य होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दौड़ के लिए मैदान को जल्द तैयार करने के लिए सबसे पहले सैन्य कर्मियों को पम्पिंग सेट और जेसीबी मशीन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है ताकि मैदान पर हुए जलभराव से बनी समस्या को जल्द दूर किया जा सके। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा रेत दौड़ के लिए बनाये गये ट्रैक पर डालने की आवश्यकता जताते हुए बच्चों ने बताया कि वहां पर रात्रि में कुछ मिट्टी डाली गयी थी, बारिश के कारण मिट्टी बह गयी और इससे वहां पर बनी कीचड भी दलदल में तब्दील हो गयी। ऐसी स्थिति में दौड़ नहीं हो पायेगी। यदि कराई गये तो बच्चों की जान पर भी खतरा बन सकता है। इसके साथ ही भर्ती रैली कैंसिल होने के बाद जब बच्चों को मैदान से रिलीज किया गया तो उनको बारिश के बीच ही यातायात के साधन तलाशने के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था का दावा किया था, लेकिन बच्चों को रोडवेज से न बस मिली और न ही वहां तक जाने के लिए रिक्शा व अन्य सवारी के साधन ही मुहैया हो पाये। बारिश में भीगते बच्चों को अपने दस्तावेज बचाना भी भारी हो गये।