शिवराज सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, मध्य प्रदेश में 200 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द

Shivraj government took big action, cancellation of recognition of 200 nursing colleges in Madhya Pradesh
Shivraj government took big action, cancellation of recognition of 200 nursing colleges in Madhya Pradesh
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भोपाल: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजेस पर गाज गिरी है. प्रदेश के 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजेस की मान्यता रद्द कर दी गई है. लगातार फर्जीवाड़े और शिकायतों के चलते विभाग ने इसको लेकर जांच पड़ताल कराई थी. पड़ताल में नियमों का उल्लंघन करने वाले 200 से नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है. तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को खत्म किया है.

तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है इस सेक्टर को पूरी तरह से शुद्ध करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सुनिश्चित किया जाएगा कि इस सेक्टर में पूरी तरह से शुद्धता और सुचिता आए. नर्सिंग सेक्टर में नियम कानूनों का पालन किया जाए. फर्जी तरीके से चल रहे हैं नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर मंत्री सारंग ने कहा कि यह हमारी बड़ी सफलता है.

लगातार मिल रही फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद कार्रवाई
तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा हमने इस क्षेत्र को साफ सुथरा करने का निर्णय लिया था. जिसके कारण ये कार्रवाई की गई है. नर्सिंग कॉलेजों की लंबे समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद मामलों की जांच की गई. पड़ताल में आरोप सही पाए जाने के बाद ही 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.

मंत्री सारंग ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों का शुद्दीकरण किया जा रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाड़ा नहीं होने दिया जाएगा. फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को संचालित नहीं होने दिया जाएगा. छात्र छात्राओं के भविष्य को लेकर मंत्री का कहना है कि कॉलेज गलत होंगे तो कहां के शिक्षक और कहां के छात्र. छात्र-छात्राओं का अहित कहीं नहीं होगा. किसी भी छात्र का हम नुकसान नहीं होने देंगे. माफियागिरी शिक्षा में नहीं चलेगी.

फर्जी नर्सिंग कॉलेज में लगातार दलाल सक्रिय हैं. दलालों के सक्रिय होने को लेकर लगातार शिकायतें की जा रही थी. जिसमें छात्र-छात्राओं को एडमिशन किसी और कॉलेज में दिया जा रहा है और पढ़ाई किसी और कॉलेज में कराई जा रही है. किसी और कॉलेज के नाम से फीस जमा कराई जा रही है. ज्यादातर नर्सिंग कॉलेजों में ना तो लैब है और ना ही एक्सपोर्ट टीचर हैं.