PFI सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद हुए चौंकाने वाले खुलासे, NIA-ATS की ताबड़तोड़ छापेमारी से हड़कंप

Shocking revelations after the arrest of PFI members, stirred up by the rapid raids of NIA-ATS
Shocking revelations after the arrest of PFI members, stirred up by the rapid raids of NIA-ATS
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मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का बड़ा नेटवर्क है। इसका खुलासा शामली से पीएफआई के सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। पीएफआई ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर सहित अन्य जिलों में जाल फैलाया हुआ है। PFI के सक्रिय सदस्यों की तलाश में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) और यूपी एटीएस (ATS) ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। सोमवार को 10 लोगों को दबोचा गया है।

सोमवार देर रात शामली जनपद से चार लोगों को एनआईए और एटीएस की टीम ने उठाया है। वहीं इससे पहले टीम ने सोमवार देर रात मेरठ के सरूरपुर से भी पीएफआई से जुड़े एक कार्यकर्ता को हिरासत में लिया है। मुजफ्फरनगर से पांच सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि हाल ही में खरखौदा से पीएफआई के सदस्यों को PFI व कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह जताते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया था। इन्हीं से पूछताछ के बाद टीम ने PFI से जुड़े अन्य कार्यकर्ताओं और सदस्यों की धरपकड़ के लिए ये बड़ी कार्रवाई की है। फिलहाल टीम के अधिकारी इनसे गहनता से पूछताछ कर रहे हैं। जिसमें कई सदस्यों ने पीएफआई के खतरनाक इरादों को जाहिर किया है।

कैराना से गिरफ्तार साजिद के बड़े भाई समेत चार उठाए
जानकारी के अनुसार NIA और ATS कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव मामौर व पावटी कलां में देर रात एटीएस नोएडा और एनआईए ने ताबड़तोड़ दबिश अभियान चलाया। गांव मामौर से पीएफआई के सक्रिय सदस्य और पिछले सप्ताह एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए मौलाना साजिद के बड़े भाई मदरसा संचालक मौलाना जाहिद, छोटा भाई साबिर और गांव पावटी कलां से जिला पंचायत सदस्य परवेज के बड़े भाई जाबिर को टीम ने उठाया है।

मेरठ से एक हिरासत में
मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के खेड़ी कलां गांव खेड़ी कलां में देर रात एटीएस और एनआईए की टीम ने छापेमारी करते हुए पीएफआई के सक्रिय सदस्य अब्दुल समी पुत्र शमशाद को हिरासत में लिया है। एटीएस, एनआईए सहित कई खुफिया एजेंसी थाने में पीएफआई सदस्य से कड़ी पूछताछ करने में जुटी हैं। इस पूरी कार्रवाई से लोकल पुलिस को दूर रखा गया है। वहीं, टीम की कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप है।

मुजफ्फरनगर में भी छापेमारी, पाच सदस्य हिरासत में
टेरर फंडिंग के मामले में पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश भर में चल रही कार्रवाई की में एटीएस ने सोमवार रात मुजफ्फरनगर में भी अभियान चलाया गया। शहर क्षेत्र से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। एटीएस टीम उनसे एकांत में पूछताछ करने में जुटी है। पांच दिन पहले एटीएस ने फुगाना थाने के गांव जोगिया खेड़ा निवासी पीएफआई सदस्य इस्लाम कासमी को भी गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है।

साजिद की गिरफ्तारी के बाद हुए बड़े खुलासे
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई के सदस्यों ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि उन्होंने केरल के मंजीरी में हथियार चलाने और गोरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण लिया। गजवा-ए-हिंद की पुस्तकें भी पढ़ीं। उनका मकसद प्रदेश और देश की शांति व्यवस्था बिगाड़कर हिंसक घटनाओं को अंजाम देना था। उनके प्रमुख निशाने पर योगी सरकार है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर सहित अन्य जिलों में नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिली हैं। इनके आधार पर पूरे नेटवर्क तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

साजिद ने पूछताछ में खोले कई नाम
पुलिस के मुताबिक आरोपी शादाब अजीज कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसलिंग के पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रदेशाध्यक्ष है। मुफ्ती शहजाद पीएफआई के एडहॅाक कमेटी का सदस्य है। मोहम्मद इस्लाम ऑल इंडिया इमाम काउंसलिंग का सदस्य है। इनके साथ मोहम्मद साजिद से सुरक्षा एजेंसी ने घंटों पूछताछ की। यह भी पता चला कि वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मंशा से वह ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

जागृति विहार के बंद फ्लैट से कई किताबें बरामद
आरोपी इस्लाम के मुताबिक एटीएस ने मेडिकल थानाक्षेत्र के जागृति विहार में एक बंद पड़े फ्लैट में छापा मारा। जहां से काफी संख्या में किताबें और अन्य प्रचार सामग्री बरामद कीं। बताया गया कि किताबों में देश विरोधी बातें लिखी थीं। ये किताबें एक समुदाय के युवकों को निशुल्क दी जाती हैं। कुछ अन्य जगहों से भी इस तरह की सामग्री मिली है।

युवाओं को भड़काकर पीएफआई से जोड़ने की कोशिश
आरोपियों ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें देश में आतंकी और आईएसआई संगठन से जुड़कर हिंसक घटनाओं के लिए प्रेरित किया जाता है। सभी पीएफआई से जुड़े लोगों का मकसद होता है कि देश में शांति व्यवस्था बिगाड़ना है। सीएए और एनआरसी के बारे में गलत तथ्य पेश कर युवाओं को पीएफआई से जोड़ने की कोशिश की जाती रही है।