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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के लाहौल स्पीति घाटी में एक गांव के पास ग्लेशियर टूटने से हिमस्खलन (Avalanche) की जानकारी सामने आई। वैसे तो, पर्वतीय क्षेत्रों में काफी आम बात है क्योंकि हिमस्खलन पहाड़ से बर्फ की मोटी परत के टूटने के कारण होता है, जो फिर ढलान की ओर तेजी से खिसकने लगता है। रिपब्लिक भारत को मिले तस्वीरों में, बर्फ के एक बड़े बर्फ के गुब्बार को पहाड़ से नीचे खिसकते हुए देखा जा सकता है।
एवलॉन्च की सामने आई तस्वीरों में, बर्फ की एक भारी परत पहाड़ से नीचे खिसक रही है। हालांकि रिपब्लिक के सूत्रों के अनुसार, इस एवलॉन्च में कोई घायल नहीं हुआ है।
एवलॉन्च की यह घटना उस समय सामने आई जब हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में रास्ता ब्लॉक हो गया। पिछले हफ्ते तक, भारी बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश में कम से कम 72 सड़कें ब्लॉक थीं, जिनमें से 61 लाहौल स्पीति में थीं। समाचार एजेंसी PTI ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया, कुल्लू में रोहतांग दर्रा मार्ग सहित पांच, कांगड़ा में तीन, चंबा में दो और सिरमौर जिले में एक सड़क नेटवर्क भी ब्लॉक हो गया।
इसके अलावा, लाहौल और स्पीति में भी इस साल का सबसे ठंडा तापमान दर्ज किया गया, जो कि 0 से 3.5 डिग्री सेल्सियस कम है। इसके बाद केलांग में 0 से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, जबकि कल्पा में न्यूनतम 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आपको बताते चलें कि पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन की यह दूसरी घटना थी, जो कुछ ही हफ्तों के अंतर में सामने आई थी। हालांकि, इस हिमस्खलन में किसी के हताहत होने की कोई खबर सामने नहीं आई है।
उत्तराखंड में हिमस्खलन
गौरतलब है कि, इसी साल अक्टूबर में उत्तराखंड में हिमस्खलन की घटना सामने आई थी। इस हादसे में कई पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी। समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, 4 अक्टूबर को द्रौपदी का डंडा-द्वितीय शिखर से वापस लौटते समय 17,000 फीट की ऊंचाई पर एक बड़े हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद 27 प्रशिक्षुओं और दो प्रशिक्षकों सहित 29 पर्वतारोही लापता हो गए थे। पर्वतारोहण के नेहरू संस्थान में एक उन्नत पर्वतारोहण पाठ्यक्रम का एक हिस्सा। इसके बाद चलाए गए तलाशी अभियान में अधिकारियों ने 26 शव बरामद किए।