शिमला: हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को भी बारिश देखी गई। किन्नौर जिले में बर्फबारी के बीच चट्टानें खिसकने के कारण लाल ढाक के पास BSNL टावर लगाने और सेना की चौकी के निर्माण में जुटे 24 से अधिक मजदूर फंस गए। जिला प्रशासन ने बताया कि नागदूम और धारणीथल में BSNL टावर लगाने का काम किया जा रहा था, जबकि नागदूम में सेना की चौकी का भी निर्माण किया जा रहा था। इलाके में बर्फबारी शुरू होने और ठंड बढ़ने के कारण मजदूर वापस लौट रहे थे।
मजदूर वापस लौट रहे थे इसी दौरान चितकुल से करीब 25 किलोमीटर दूर दुमती में एक बड़ी चट्टान के खिसकी जिसकी वजह से रास्ता बंद हो गया। इससे सभी मजदूर फंस गए। किन्नौर जिला प्रशासन ने बताया कि मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद सरकारी तंत्र मौके पर भेजा गया है। बर्फबारी रुकने के बाद सड़क खोल दी जाएगी। IMD ने शिमला, किन्नौर और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में शुक्रवार तक फ्लैश प्लड के खतरे की चेतावनी दी है।
यही नहीं हिमाचल प्रदेश के 12 में से पांच जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी के साथ वज्रपात का लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के अनुसार, किन्नौर, मंडी, सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 13 सितंबर को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, किन्नौर, शिमला, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिलों के विभिन्न हिस्सों में गरज चमक के साथ झमाझम बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
IMD ने बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका के बारे में भी आगाह किया है। सिरमौर जिले के धौलाकुआं में बुधवार शाम से सबसे अधिक 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से साझा किए गए ताजा अपडेट के अनुसार, बुधवार तक हिमाचल प्रदेश में कुल 37 सड़कें बंद हैं। यही नहीं 106 बिजली योजनाएं बाधित हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मॉनसून आने के बाद से अब तक सामान्य से 21 फीसदी कम बारिश हुई है। हिमाचल में इस समय अवधि के दौरान औसत 678.4 मिमी होती है लेकिन इस बार 539.1 मिमी ही बारिश हुई है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 27 जून से सात सितंबर तक बारिश के कारण हुई घटनाओं में 158 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 लापता हैं। यही नहीं राज्य को 1,305 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।