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Social Media Influencers Disclaimer के बिना विज्ञापन पोस्ट नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया ऐड के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स रखने वाले इन्फ्लुएंसर्स को अब किसी भी प्रचार सामग्री में अस्वीकरण यानी डिस्क्लेमर देना अनिवार्य बनाया गया है। बता दें कि सरकार ने कुछ समय पहले भी गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें उल्लंघन करने वालों पर लाखों के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग ने “अनुमोदन जानकारी!” (Endorsements Know-Hows) टाइटल से दिशानिर्देशों का नया सेट जारी किया है। इसका संबंध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले सेलिब्रिटी, मशहूर हस्तियों, इन्फ्लुएंसर्स और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स से है।
दिशानिर्देशों में मशहूर हस्तियों और बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले वालों से कहा गया है कि विज्ञापनदाताओं द्वारा किए गए दावों की हमेशा समीक्षा करें। गाइडलाइन में कहा गया है कि विज्ञापन के साथ अस्वीकरण यानी Disclaimer जरूर डालें। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अपने समर्थन वाले सोशल मीडिया पोस्ट (endorsement posts) में इन्फ्लुएंसर पोस्ट के साथ स्पष्ट और प्रमुखता से दिखने वाले डिस्क्लेमर दें। अस्वीकरण ऐसा होना चाहिए जिसे आसानी से अनदेखा न (extremely hard-to-miss disclaimers) किया जा सके।
दिशानिर्देशों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति उत्पादों या सेवाओं का समर्थन करते समय अपने दर्शकों को गुमराह न करें। विज्ञापन ऐसे होने चाहिए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और किसी भी संबंधित नियमों या दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हों।
विभाग के अनुसार साझेदारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों को लेकर भ्रम की स्थिति है। इसलिए, भुगतान के बाद या वस्तु विनिमय समर्थित (paid or barter endorsements) ऐड में “विज्ञापन” (advertisement), “विज्ञापन” (Ad), “प्रायोजित” (sponsored), “सहयोग” (collaboration), या “साझेदारी” (partnership) जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें से जो भी शब्द इस्तेमाल किया जाए, उसे हैशटैग या headline text के रूप में पेश किया जाना चाहिए।
दिशानिर्देशों के अनुसार, इंडोर्समेंट या समर्थन (endorsements) सरल और स्पष्ट भाषा में किया जाना चाहिए। इसके लिए “विज्ञापन”, “प्रायोजित”, “सहयोग” या “सशुल्क प्रचार” (paid promotion) जैसे शब्दों का उपयोग करना होगा। सोशल मीडिया यूजर्स या इन्फ्लुएंसर्स को किसी भी ऐसे उत्पाद या सेवा का समर्थन नहीं करना चाहिए जिसका उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उपयोग नहीं किया है या उसमें उनके द्वारा उचित परिश्रम नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार के नए गाइडलाइन के अनुसार ऐसे व्यक्ति या समूह जिनके पास अपने अधिकार, ज्ञान, सोशल स्टेटस या अपने दर्शकों के साथ संबंध के कारण किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारे में अपने दर्शकों की खरीदारी के फैसलों या विचारों को प्रभावित करने की शक्ति होती है। उन्हें स्पष्ट तरीके से प्रकट करना चाहिए।
प्रचार सामग्री में Disclosure को समर्थन संदेश (endorsement message) में इस तरह से रखा जाना चाहिए जो स्पष्ट, प्रमुखता से दिखने वाले और नजरअंदाज करने में बेहद कठिन हों। डिस्क्लोजर को हैशटैग के समूह या लिंक के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए।
किसी चित्र में समर्थन के लिए Disclosure को फोटो पर पर्याप्त रूप से superimpose किया जाना चाहिए ताकि दर्शक उसे नोटिस कर सकें। किसी वीडियो या लाइव स्ट्रीम में समर्थन (endorsement) के लिए, Disclosure ऑडियो और वीडियो दोनों प्रारूपों में किया जाना चाहिए। इसे पूरी स्ट्रीमिंग के दौरान लगातार और प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
दिशानिर्देश में मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसर्स को सलाह दी गई है कि उन्हें हमेशा कंटेंट की समीक्षा करनी चाहिए। उन्हें स्वयं संतुष्ट होना चाहिए कि विज्ञापनदाता वास्तव में विज्ञापनों में किए गए दावों को प्रमाणित करने की स्थिति में है।