कभी नरम तो कभी गरम! नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को दी ये नसीहत

Sometimes soft, sometimes hot! Nitish Kumar gave this advice to Upendra Kushwaha
Sometimes soft, sometimes hot! Nitish Kumar gave this advice to Upendra Kushwaha
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) ने जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) को सलाह दी है कि वे अपनी शिकायतों को मीडिया के माध्यम से रखना बंद करें। अगर उन्हें कोई परेशानी है तो उसे पार्टी मंच पर उठाएं। नीतीश कुमार ने यह बात तब कही जब पत्रकारों ने उनसे एक दिन पहले कुशवाहा के एक ट्वीट के बारे में सवाल किया। बता दें कि बुधवार को नीतीश कुमार ने साफ-साफ कहा था कि अगर उन्हें जाना है तो चले जाएं। नीतीश कुमार के बयान के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर सीएम पर निशाना साधा था।

क्या उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट
उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका (छोटे भाई) को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले। ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर….?।

बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि वह पार्टी से अलग होने के बाद तीसरी बार पार्टी में लौटे हैं, लेकिन उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया गया। यदि उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें वह पार्टी के भीतर जाहिर करना चाहिए। आपको अपने विचार मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक नहीं करने चाहिए। गौरतलब है कि कुशवाहा 2021 में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जेडीयू में लौट आए थे। उन्हें तुरंत पार्टी का शीर्ष पद दिया गया और कुछ ही समय बाद विधान परिषद की सदस्यता दी गई थी।

तेजस्वी यादव भी सीएम नीतीश के साथ
वहीं, जेडीयू में चल रहे सियासी घमासान के बीच तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने ( कुशवाहा का ) एक ट्वीट देखा और वह क्या कहना चाहते हैं, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। हालांकि मेरी भी राय है कि अगर वह अपनी पार्टी से संबंधित कोई भी मुद्दा उठाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए। तेजस्वी यादव से जब यह भी पूछा गया कि क्या विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें हाल ही में मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद के संविधान के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अनुशासनहीनता का दोषी पाए जाने पर कारण बताओ जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। हम अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करेंगे। पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने वाला कोई भी व्यक्ति कार्रवाई का सामना करने के लिए बाध्य है। तेजस्वी यादव ने इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन ‘सांप्रदायिक ताकतों’ के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट रहेगा।