इन 5 शर्तों को पूरा करने के बाद ही राहुल द्रविड़ बन पाएंगे टीम इंडिया के हेड कोच

Rahul Dravid will be able to become the head coach of Team India only after fulfilling these 5 conditions
Rahul Dravid will be able to become the head coach of Team India only after fulfilling these 5 conditions
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नई दिल्ली: 25 साल पहले राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने एक साथ टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। तब भारतीय क्रिकेट में एक नए युग का आगाज हुआ था। अब ये जोड़ी दोबारा एक साथ धूम मचाते नजर आने वाली है। सौरव गांगुली जहां बीसीसीआई हेड हैं तो द्रविड़ का भी टीम इंडिया का हेड कोच बनना लगभग तय है।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसका ऐलान होने से पहले ही ये खबर आप तक पहुंचा दी थी। अब आज भारतीय बोर्ड की ओर से उसी पोजिशन के लिए आवेदन मंगाया गया है। मुख्य कोच के अलावा सपोर्ट स्टाफ में बोलिंग, बैटिंग समेत फील्डिंग के लिए भी अगल कोच की जरूरत है।

क्या सारी शर्तों पर फिट बैठते हैं द्रविड़?
आप ऊपर लिखी लाइन को इग्नोर भी कर सकते हैं, क्योंकि द्रविड़ काफी मान मनौव्वल के बाद ही राजी हुए हैं। इसलिए हेड कोच पोजिशन के लिए हो रहे पूरे सिलेक्शन प्रोसेस को खानापूर्ती ही मानना चाहिए। फिर भी जान लीजिए कि बीसीसीआई ने अपने उस विज्ञापन में लिखा क्या है। टीम इंडिया का हेड कोच बनने के लिए शर्तें क्या-क्या है?

आयु नियुक्ति के वक्त 60 साल से कम हो। इस कोच पैनल का कार्यकाल दो साल का होगा। मुख्य कोच के साथ 14-16 सपोर्ट स्टाफ होगा।
कम से कम 30 टेस्ट या 50 ODI मैच का अनुभव।
इंटरनेशनल टेस्ट टीम में बतौर हेड कोच न्यूनतम दो साल का अनुभव
या फिर एसोसिएट सदस्य/IPL टीम/ किसी विदेशी लीग या फर्स्ट क्लास टीम का 3 साल तक कोच रहा हो
या फिर BCCI की ओर से लेवल-3 सर्टिफिकेट (कोचिंग)

ये काम भी हेड कोच को ही करने होते हैं
खेल के तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के प्रदर्शन की जिम्मेदारी
भारतीय मेंस टीम में अनुशासन, कोड ऑफ कंडक्ट बनाए रखना
एनसीए हेड के साथ मिलकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिए नए प्रोग्राम
चयनकर्ताओं के साथ मिलकर घरेलू क्रिकेट में नई प्रतिभा तलाशना
खिलाड़ियों के साथ सपोर्ट स्टाफ के वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी नजर

नई कोचिंग टीम के सामने नए चैलेंजस
कप्तानी भी संभाल चुके द्रविड़ 2012 में भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 2016 में अंडर-19 और इंडिया ए के कोच बने। उसी साल उनके कार्यकाल में टीम अंडर-19 वर्ल्ड कप में रनर-अप रही। फिर 2018 में द्रविड़ ने अंडर-19 टीम को चैंपियन बना दिया। इसके बाद साल 2019 में मिस्टर भरोसेमंद को नेशनल क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट ऑपरेशंस का हेड चुना गया।

ICC टूर्नामेंट जीतने का लंबा इंतजार खत्म करना होगा
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद टीम ने कोई टूर्नामेंट नहीं जीता
अगले साल वर्ल्ड टी-20 जीतने के बाद 2023 का 50 ओवर वर्ल्ड कप
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और एशिया कप भी 2023 में होना है
दो-दो कप्तान और ड्रेसिंग रूम में सीनियर-जूनियर के बीच सामंजस्य

सपोर्ट स्टाफ के लिए जरूरी शर्तें
बैटिंग-बोलिंग, फिल्डिंग कोच की भी भर्ती होनी है, इसके लिए कुछ शर्तों को छोड़कर बाकी सारे नियम हेड कोच जैसे ही हैं। इन चारों पोस्ट के अलावा नेशनल क्रिकेट एकेडमी में स्पोर्ट्स साइंस एंड मेडिसिन के प्रमुख यानी चीफ फिजियो के लिए भी आवेदन मंगाया गया है। सभी पदों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 3 नवंबर ही है। तीनों पद के लिए आवेदन करने वाले लोगों को कम से कम 10 टेस्ट या 25 वनडे मैचों का अनुभव होना चाहिए

टीम इंडिया में शास्त्री युग का अंत
इस वक्त रवि शास्त्री टीम इंडिया के हेड कोच हैं। यह उनका दूसरा कार्यकाल है। वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइन में हारने के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाया गया था। दो साल के लिए नया कॉन्ट्रैक्ट भी मिल गया था। अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार फिर टीम इंडिया में फूट की खबरों के बीच बोर्ड शास्त्री से नाराज चल रहा था। कई सीनियर खिलाड़ियों ने विराट के एटीट्यूड को लेकर भी शिकायत की थी। फिलहाल टीम के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ हैं। फील्डिंग कोच आर श्रीधर और गेंदबाजी कोच भरत अरुण हैं। सभी का कार्यकाल अगले महीने टी-20 विश्व कप के बाद खत्म हो रहा है।

द्रविड़ का खास बनेगा अगला बोलिंग कोच!
2017 में रवि शास्त्री ने हेड कोच पद संभाला था। वर्ल्ड कप से पहले बैटिंग कोच रहे संजय बांगर को पद से हटाया गया था, उनकी जगह विक्रम राठौड़ ने ली थी। खबर है कि विक्रम राठौड़ को छोड़कर सारा स्टाफ बदल जाएगा। राहुल द्रविड़ अपने खास सिपहसलार पारस म्हाब्रे को बोलिंग कोच बनाने वाले हैं। वह श्रीलंका दौरे पर भी द्रविड़ के साथ ही थे। म्हाब्रे को राहुल द्रविड़ का भरोसमंद बताया जाता है। अंडर-19 और इंडिया ए टीम में भी दोनों ने साथ कोचिंग की थी।

2007 में राहुल द्रविड़ ने की थी वर्ल्ड कप में कप्तानी
‘द वॉल’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ 48 साल के हैं। इंदौर में पैदा हुए राहुल ने पढ़ाई और क्रिकेट की ट्रेनिंग बैंगलोर में ही ली। पिता शरद द्रविड़ जैम बनाने वाली कंपनी किसान में काम करते थे इसलिए दोस्त जैमी बुलाते थे। राहुल द्रविड़ के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 164 टेस्ट की 286 पारियों में 36 शतकों और 63 अर्धशतकों की मदद से 13288 रन बनाए हैं, जबकि 270 उनका हाई स्कोर है। फैंस के बीच ने भारत के लिए 344 वनडे खेले। इस दौरान उनके नाम 12 शतक और 83 अर्धशतक के दम पर 10889 रन दर्ज हैं।