बिहार में सामने आया अजीबो गरीब मामला, पुलिस ने मृतक को ही बना दिया हत्या का आरोपित

Strange case came to light in Bihar, police made the deceased accused of murder
Strange case came to light in Bihar, police made the deceased accused of murder
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जमुई; Bihar News: बिहार के जमुई जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. पुलिस ने एक व्यक्ति की हत्या का आरोप मृतक के ऊपर ही डाल दिया, अब इस मामले में न्यायालय ने बिहार पुलिस के उस पदाधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यह अजीबो-गरीब मामला सामने आने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र में 19 जुलाई 2023 को महेंद्र कोड़ा नामक एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. घटना को लेकर महेंद्र कोड़ा की पत्नी सुमित्रा देवी ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. बरहट थाना कांड संख्या 149/ 23 के तहत प्राथमिक की दर्ज की गयी थी. इस मामले में घटना के अनुसंधानकर्ता बरहट थानाध्यक्ष एके आजाद द्वारा इसमें चार्जशीट दायर की गयी. उन्होंने हत्या का आरोप महेंद्र कोड़ा, दीपक कुमार और प्रमोद मांझी पर लगा दिया. पुलिस द्वारा यह कहा गया कि महेंद्र कोड़ा की मौत ट्रैक्टर हादसे में हो गयी. इस पर एफएसएल की जांच रिपोर्ट और पुलिस अनुसंधानकर्ता का बयान दर्ज करा कर चार्ज शीट दायर कर दी गयी. इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई करते हुए इस मामले में कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया है.

अदालत ने किया आदेश पारित
इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नाजिया खान की अदालत ने आदेश पारित कर कहा कि हत्या के मामले में मृतक के ऊपर ही आरोप लगाया दिया जाना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पुलिस पदाधिकारी ने अपने अनुसंधान में किसी स्वतंत्र गवाह का बयान दर्ज नहीं कराया. केवल टेक्निकल और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने चार्ज शीट दायर कर दी. इसके अलावा उन्होंने जिसकी मौत हुई, उसके ऊपर ही हत्या का आरोप लगा दिया, जो समझ से परे है. इस मामले में संबंधित अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. साथ ही इस आदेश की कॉपी पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक और डीजीपी को भी भेजी गयी है. फिलहाल जमुई पुलिस की यह करतूत एक बार फिर से सवालों के घेरे में है और चर्चा का विषय बनी हुई है. इसके अलावा न्यायालय ने यह भी कहा है कि अनुसंधानकर्ता ने यह बताया कि ट्रैक्टर दुर्घटना में महेंद्र कोड़ा की मौत हुई है. जबकि ट्रैक्टर पर किसी प्रकार के दाग या निशान नहीं हैं. इससे यह समझ जा सकता है कि अनुसंधानकर्ता ने केवल अपनी ताकतों का इस्तेमाल कर यह चार्ज शीट दायर की है. इस बारे में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने बताया कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है. इसमें अभी हम लोगों द्वारा कुछ भी कहना सही नहीं रहेगा.

हम लोगों के साथ हुआ था अन्याय- परिजन
मृतक महेंद्र कोड़ा के परिजनों ने न्यायालय द्वारा इस मामले में कार्रवाई किये जाने पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि हमने घटना को लेकर अलग ही एफआईआर दर्ज करायी थी. लेकिन पुलिस ने कुछ और ही एफआईआर दर्ज किया. हम लोगों के साथ अन्याय किया गया था. अब इस मामले में कार्रवाई हुई है. यह जानकर बहुत खुशी हो रही है. जो लोग अन्याय करते हैं, उनके साथ गलत ही होता है. पुलिस पदाधिकारी के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह ठीक है.

चर्चा का विषय बनी घटना
जमुई की यह घटना चर्चा का विषय बन गई है. सभी इस घटना की चर्चा कर रहे हैं. दूसरी ओर न्यायालय ने पुलिस पदाधिकारी के ऊपर कार्रवाई का आदेश दिया है. मृतक के ऊपर ही हत्या का आरोप लगा देने की घटना को न्यायालय ने समझ से परे बताया है. संबंधित अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने कहा है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इस कारण इस संबध में कुध भी कहना सही नहीं है. जबकिं, परिजनों ने कहा है कि उनके साथ अन्याय हुआ था.