हरियाणा की गोशालाओं में गहराया भूसा संकट, चारे को तरसी गोमाता

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यमुनानगर, जागरण संवाददाता। गोशालाओं में भूसा संकट गहराने लगा है। गोवंशी चारे के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। ऐसा भी नहीं है कि जिले में गोवंशियों के हिस्से की जमीन न हो। 3994 एकड़ जमीन होने के बावजूद इन गोवंशियों को चारा नसीब नहीं हो रहा है। इस कारण गोचरान की जमीन पर ग्राम पंचायतों का कब्जा होना है। इस जमीन से ग्राम पंचायतों की आमदन जरूर बढ़ रही है लेकिन गोवंशियों के लिए चारे का इंतजाम करना गोशालाओं के प्रतिनिधियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। दिनोंदिन स्थिति खराब होती जा रही है। यदि सरकार व प्रशासन ने इस दिशा में जल्द संज्ञान नहीं लिया तो स्थिति चिंताजनक हो जाएगी।

जिले में गोचरान की कुल 3994 एकड़ जमीन है। इस जमीन में से बिलासपुर खंड के 129 गांवों में 863 एकड़, छछरौली खंड के 113 गांवों में 1411 एकड़, जगाधरी खंड के 90 गांवों में 660 एकड़, मुस्तफाबाद खंड के 70 गांवों में 359 एकड़, रादौर खंड के 68 गांवों में 206 एकड़ और साढौरा खंड के 41 गांवों में 495 एकड़ गोचरान की जमीन है। इस जमीन पर कहीं खेती हो रही है तो कहीं अवैध कब्जे हैं।

गोचरान की जमीन से अवैध कब्जे हटवाने की मांग उठने लगी है। गोसंवर्धन न्यास के अध्यक्ष रोहित चौधरी का कहना है कि गोचरान की जमीन से अवैध कब्जे हटवाकर इस समस्या का स्थायी समाधान किया जा सकता है। गोचरान की जमीन की तारबंदी कर उसमें गायों को चरने के लिए छोड़ दिया जाए। कई जिलों में ऐसा हो भी रहा है। प्रशासनिक अधिकारी यदि गंभीरता से लें तो यहां भी हो सकता है। शहजादवाला गोशाला से सतपाल गर्ग का कहना है कि गोचरान की जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कर चारे की समस्या का समाधान किया जा सकता है।

ग्रांट भी नहीं मिल रहा

आदिबद्री गोशाला के संचालक विनय स्वरूप ब्रह्मचारी का कहना है कि उनकी गोशाला में 300 से अधिक गोवंशी हैं। तीन साल से उनको ग्रांट भी नहीं मिल रही है। सरकार ने बंद कर दी। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया, लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों है। इन दिनों अधिकांश गोशालाओं में चारा संकट है। पैदावार होने के कारण कीमतों में उछाल है। जिसके चलते स्थिति दिनोंदिन बिगड़ रही है। इसके लिए जरूरी है कि गोशालाओं को भूसा उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही गोशालाओं के आसपास ग्राम पंचायतों में पड़ी गोचरान की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त करवाया जाए ताकि चारे की समस्या का समाधान हो सके।