मध्यप्रदेश में पुलिस कस्टडी में किसान की संदिग्ध मौत, हाईकोर्ट ने 5 पुलिसकर्मियों समेत होमगार्ड पर लगाया 20 लाख का जुर्माना

Suspicious death of a farmer in police custody in Madhya Pradesh, High Court imposed a fine of 20 lakhs on home guards including 5 policemen
Suspicious death of a farmer in police custody in Madhya Pradesh, High Court imposed a fine of 20 lakhs on home guards including 5 policemen
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ग्वालियर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस कस्टडी में किसान सुरेश रावत की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिसकर्मियों और होमगार्ड पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 2019 में ग्वालियर जिले के बेलगढ़ा थाने में पुलिस अभिरक्षा में एक किसान सुरेश रावत की मौत हो गयी थी। इस मामले में जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने विवेचक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना किया गया और पुलिस के निलंबित तत्कालीन स्टाफ पर 20 लाख रुपये का जुमाना किया है, जिसमें निलंबित एसएचओ विजय सिंह राजपूत पर 10 लाख रुपये, 5 लाख रुपये प्रधान आरक्षक अरूण मिश्रा, 2 लाख रुपये आरक्षक नीरज प्रजापति, 1 लाख रुपये आरक्षक धमेन्द्र विजय कुशवाह और होमगार्ड सैनिक अहसान खान से वसूल किए जाएंगे।

शासन दोषी पुलिसवालों से वसूल करेगा जुर्माना
हाईकोर्ट ने 5 जनवरी 2023 तक जुर्माने की राशि जमा कराने का आदेश शासन को दिया है। जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने अपने 64 पन्नों के आदेश में कहा कि पुलिस ने शुरू से आरोपियों को बचाने का काम किया है। केस में छह पुलिसकर्मियों की लापरवाही सीधे तौर पर समाने आयी है, इसलिए इस केस को सीबीआई को सौंपा जाता है। साथ ही पीड़ित पक्ष को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि शासन दोषी पुलिसकर्मियों से वसूलकर देगा।

जानिए क्या है मामला
मामला 10 अगस्त 2019 का है। जिले के बेलगढ़ा निवासी सुरेश रावत खेत में खाद छिड़क रहे थे। इसी दौरान पड़ोस के खेमू शाक्य से विवाद हो गया। बाद में पुलिस ने सुरेश रावत को थाने में बैठा लिया। उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी। सुरेश के बेटे अशोक रावत के अनुसार, बेलगढ़ा पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया और 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि पैसे नहीं दोगे, तो सुरेश नहीं छूटेगा। इस दौरान वह अपने समधी मंगल सिंह के साथ बाहर खड़ा हो गया। थाने के अंदर से मारपीट की आवाज आई, तो वह दौड़कर अंदर गया। उसे पुलिसवालों ने आगे जाने से रोक दिया। थोड़ी देर बाद पता चला कि पिता सुरेश की हालत खराब हो गई है। पुलिसकर्मी विजय सिंह राजपूत, नीरज प्रजापति, विजय कुशवाहा, अरुण मिश्रा, धर्मेंद्र, होमगार्ड सैनिक एहसान खान पिता को मृत अवस्था में उठाकर बाहर लाए। पुलिस की गाड़ी में रखकर भितरवार अस्पताल ले गए। उनके साथ मंगल सिंह और मैं भी गाड़ी में बैठकर भितरवार अस्पताल आए थे। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।