₹10 लाख कर्जा लो, ₹5 लाख ही वापस करो, ₹5 लाख भरेगी बिहार सरकार:

Take a loan of ₹10 lakh, return only ₹5 lakh, Bihar government will pay ₹5 lakh:
Take a loan of ₹10 lakh, return only ₹5 lakh, Bihar government will pay ₹5 lakh:
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पटना: बिहार सरकार ने अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार देने के नाम पर एक नई योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत 10 लाख रुपए का लोन मिलेगा। इसमें से केवल 5 लाख रुपए वापस करने होंगे। शेष 5 लाख रुपए बिहार सरकार अनुदान के तौर पर देगी। इसका सीधा मतलब यह है कि 10 लाख के कर्ज में से 5 लाख रुपए राज्य सरकार माफ कर देगी। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना’ नाम दिया गया है। राज्य सरकार ने इसे मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ा वर्ग/महिला/युवा उद्यमी योजना का विस्तार बताया है।

भले बिहार सरकार इस योजना को अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार मुहैया कराने का प्रयास बता रही है। भले इसे समाज के अन्य वर्गों के लिए चली आ रही योजना का विस्तार बता रही है। लेकिन जिस समय पर बिहार कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाई है, इसे तुष्टिकरण की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गौर करने वाली बात यह भी है कि नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार उस राजद के भरोसे चल रही है जो खुलकर माय (मुस्लिम+यादव) समीकरण की राजनीति करती है। बीजेपी से अलग होने के बाद से नीतीश कुमार भी खुद को मुस्लिमों को सच्चा रहनुमा बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

‘बेरोजगारी कम करना चाहती है सरकार’
बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने इस योजना के लेकर कहा है कि राज्य में औद्योगिक विकास की गति को तेज करने और अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों-महिलाओं के बीच बेरोजगारी कम करने और उन्हें स्वरोजगार की तरफ बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसका नाम मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना यानी एमएयूवाई है। बिहार सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से संपर्क करना होगा। इसके तहत मामूली दर पर कर्ज मुहैया कराया जाएगा।

गौरतलब है कि बिहार सरकार मुस्लिमों को ध्यान में रखकर कई योजनाएँ बना चुकी है। इसी साल जुलाई में नीतीश कुमार की सरकार ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को एकमुश्त 25 हजार रुपए मदद देने की घोषणा की थी। योजना का लाभ 18 से 50 साल तक की महिलाओं को मिलेगा।