
नालंदा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट नल-जल योजना उनके ही गृह जिले में फेल हो गया. सरकार द्वारा गांव के हर वार्ड में बड़े-बड़े मोटर लगाकर जल मीनार का तो निर्माण करा दिया और मीटर भी लगवा दिया, मगर इसका बिजली बिल भुगतान नहीं होने के कारण कई जल मीनार बंद हो गया है. ताजा मामला सिलाव प्रखंड के गोरामा पंचायत के पांकी गांव का है. जहां चार जल मीनार में लगे मीटर को बिजली विभाग द्वारा मीटर उखाड़ कर ले जाया गया. यहां का बिजली डिस्कनेक्ट कर दिया गया है. जिसके कारण करीब 2500 लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. इसके बाद लोग एक किमी दूर गोरनामा गांव से पानी लाकर अपनी रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करते हैं.
स्वच्छता अभियान भी यहां असफल
ग्रामीण महिला का कहना है कि सरकार द्वारा हम लोगों के घर में शौचालय का निर्माण कराया गया. पाइप के माध्यम से पानी भी पहुंचाया गया. मगर अब हमलोग मजबूरी बस पानी नहीं मिलने के कारण फिर से खेत में जाने के लिए मजबूर हो गए हैं. इतना ही नहीं घर में पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं है. इसके लिए भी हम लोगों को एक किमी दूर दूसरे गांव जाकर पानी लाना पड़ता है.
बिजली विभाग ने पांकी गांव में लगे चार जल मीनार का बिजली काटा
वहीं, गांव के मुखिया प्रतिनिधि गोलू सिंह ने बताया कि 5 दिन पूर्व बिजली विभाग की टीम द्वारा पांकी गांव में लगे चार जल मीनार का बिजली काट दिया गया है. जिसके कारण अब ग्रामीणों का पानी मिलना बंद हो गया है. गांव के उप मुखिया धीरज कुमार ने बताया कि प्रत्येक टावर पर करीब 100000 से भी अधिक का बिजली बिल बकाया हो गया था. पूर्व के वार्ड सदस्य द्वारा राशि नहीं जमा किया गया था. जिसके कारण यहां का बिजली डिस्कनेक्ट किया गया है.
जिला प्रशासन को किया गया है रिपोर्ट
वहीं, इस संबंध में सिलाव के बीडीओ उदय कुमार ने बताया की प्रीपेड मीटर रहने के कारण डिस्कनेक्ट किया गया है. जिला प्रशासन को रिपोर्ट कर दिया गया है और जल्द ही लोगों को पानी चालू कराया जा रहा है. इसका सुविधा ग्रामीण उठा सकेंगे.