ताऊ खट्टर ने किया कमाल, SYL का पानी आएगा हरियाणा, रास्ता हुआ तैयार, नहीं होगी पानी की कमी

Tau Khattar did wonders, SYL water will come to Haryana, the way is ready, there will be no shortage of water
Tau Khattar did wonders, SYL water will come to Haryana, the way is ready, there will be no shortage of water
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हरियाणा की बीजेपी सरकार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एसवाईएल नहर (SYL Canal) से पानी राज्य में लाने का रास्ता तैयार करना चाहती है. इस कारण हरियाणा की खट्टर सरकार ने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के सहयोग से सतलुज-यमुना जोड़ने वाली नहर (SYL) से पानी निकालने का विकल्प तैयार किया है। इस विकल्प के तहत 67 किमी लंबी नहर लाइन बनेगी। नहर के निर्माण की अनुमानित लागत 4,200 करोड़ रुपये है। मामला केवल हिमाचल प्रदेश के हितों से जुड़ा है।

5 जून को होगी हरियाणा और हिमाचल के मुख्यमंत्री की बैठक, SYL का होगा रास्ता साफ हरियाणा के मुख्यमंत्री ताऊ मनोहर लाल ने 5 जून को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खु से मुलाकात करेंगे और नहर मार्ग योजना (SYL Canal yojana) और हिमाचल प्रदेश की लागत और लाभों सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सतलुज यमुना लिंक नहर से पानी की निकासी दक्षिण हरियाणा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और भिवानी जिलों में सिंचाई के लिए पानी की गंभीर कमी है। खट्टर सरकार ने पुरानी नहर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है। दक्षिण हरियाणा में पानी की भारी कमी होगी दूर पानी की कमी के कारण सालाना हजारों हेक्टेयर भूमि में फसल नहीं उगाई जा सकती। इस वजह से दक्षिण हरियाणा का किसान मध्य और उत्तरी हरियाणा के किसान की तुलना में आर्थिक रूप से कमजोर रहता है।

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू जब 22 अप्रैल को चंडीगढ़ पहुंचे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत की तो सतलुज यमुना लिंक (SYL) का पानी वैकल्पिक रास्ते से हरियाणा लाने की संभावना पर बातचीत शुरू हुई, जिस पर अब निर्णायक फैसले की जरूरत है. 4200 करोड़ की लागत से 67 किलोमीटर लंबी नहर का होगा निर्माण पंजाब के रास्ते हरियाणा में पानी पहुंचाकर 157 किलोमीटर की दूरी तय होगी। हालांकि, पंजाब किसी भी हालत में हरियाणा को पानी नहीं देने पर अड़ा हुआ है, यह तर्क देते हुए कि पंजाब सरकार ने किसानों को अधिग्रहित जमीन वापस कर दी है, इसलिए हरियाणा बीजेपी सरकार ने पंजाब नहर बनने के बजाय हिमाचल प्रदेश के माध्यम से 67 किमी की नहर बनाकर हरियाणा मे पानी लाने का फैसला लिया है। हरियाणा सरकार जरूरत पड़ने पर इस रास्ते के कार्यक्रम को सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल कर सकती है।

इस रास्ते से आयेगा SYL का पानी हरियाणा मे एसवाईएल से नालागढ़, बद्दी, पिंजौर और टांगरी होते हुए जनसुई हेड अंबाला तक पानी लाकर पूरे हरियाणा में पानी का वितरण किया जाएगा। हिमाचल इस हरियाणा सरकार के बढ़िया ऑफर पर लाभ लेने का दावा करता है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि अगर हिमाचल को इससे फायदा होता है तो सतलुज का पानी हिमाचल के रास्ते हरियाणा को पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा इस परियोजना को अपने खर्च पर करना चाहता है तो हिमाचल प्रदेश राजी होगा, लेकिन हिमाचल प्रदेश की भी कुछ आय का फायदा होना चाहिए।