2.5 लाख की आय से लगने लगता है टैक्स, लेकिन 5 लाख तक कमाने वाले भी नहीं भरते 1 पैसा, आखिर कैसे?

Tax is levied from an income of 2.5 lakhs, but those earning up to 5 lakhs do not even pay 1 paisa, how?
Tax is levied from an income of 2.5 lakhs, but those earning up to 5 lakhs do not even pay 1 paisa, how?
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नई दिल्ली. बजट 2023 का दिन अब बहुत नजदीक आ चुका है. इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करने को लेकर खबरों का बाजार भी गर्म है. आम आदमी उम्मीद कर रहा है कि जो पिछले 9 साल में नहीं हुआ है वह इस बार हो जाएगा. फिलहाल अगर आप 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय प्राप्त करते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इससे ऊपरी की आय पर आपसे 5 फीसदी टैक्स लिया जाता है. हालांकि, देखा जाए तो 5 लाख रुपये तक की आय भी एक तरह से टैक्स फ्री ही है.

दरअसल, केंद्र सरकार आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत उन लोगों को टैक्स रिबेट मिलता है जिनकी नेट टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये या उससे कम होती है. ये रीबेट 12,500 रुपये का होता है. अब अगर टैक्स स्लैब के हिसाब से देखा जाए तो आपकी 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. 2.5-5 लाख पर आपको 5 फीसदी टैक्स देना होता है. यानी आपको कुल 2.5 लाख रुपये पर 5% कर चुकाना है. 2.5 लाख का 5 फीसदी हुआ 12500 रुपये, जितना आपको रिबेट सरकार दे रही है. इस तरह 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल आय पर आपको 1 भी रुपये टैक्स नहीं देना होता.

क्या आईटीआर भरना भी जरूरी नहीं?
ऐसा बिलकुल नहीं है कि अगर आप साल में 5 लाख रुपये की टैक्सेबल आय कमा रहे हैं तो आपको ITR नहीं भरना होगा. अगर आय केवल 2.5 लाख रुपये है तब भी आपको आईटीआर अनिवार्य रूप से भरना होता है. ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. आयकर भरने की अंतिम तिथि अमूमन हर साल की 31 जुलाई होती है. हालांकि, कई बार इस तिथि को आगे भी बढ़ाया जाता है. आप पेनल्टी देकर 2 वित्त वर्ष पहले का आईटीआर भी फाइल कर सकते हैं.

इन्हें मिलती है 5 लाख की आय पर टैक्स छूट
जिस तरह आम लोगों को 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. उसी तरह वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट 3 लाख रुपये की है. 60-79 साल के लोगों को वरिष्ठ नागरिक (senior citizen) की श्रेणी में रखा जाता है. वहीं, अति वरिष्ठ नागरिकों (super senior citizen) को 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देता होता है. 80 साल या उससे अधिक आयु वर्ग के लोग इस श्रेणी में रखे जाते हैं.