अब आपकी गाड़ी पर भी लगेगा फेस लॉक, चेहरा देखकर खुलेगा दरवाजा

Now your car will also have face lock, the door will open after seeing the face
Now your car will also have face lock, the door will open after seeing the face
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नई दिल्ली: हुंडई मोटर ग्रुप की लग्जरी व्हीकल डिविजन Genesis Motor (जेनेसिस मोटर) ने एक बड़ा ऐलान किया है। जेनेसिस ने स्मार्ट कारों के लिए एक नई टेक्नोलॉजी की घोषणा की है, जो स्मार्टफोन्स के Face ID फीचर की तरह काम करेगी। इसे फेस कनेक्ट टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है, जो चेहरा पहचानकर गाड़ी का दरवाजा खोल देगी, वह भी बिना चाबी के। जेनेसिस का कहना है कि नई तकनीक से ग्राहकों को अपनी गाड़ी पर्सनलाइज करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिल सकेगा। जेनेसिस ने कहा है कि नई तकनीक का इस्तेमाल अपकमिंग मॉडल GV60 में देखने को मिल सकता है।

सारी सेटिंग्स हो जाएंगी एक्टिवेट
फेस कनेक्ट टेक्नोलॉजी के जरिए ड्राइवर की पहचान होने के बाद ड्राइवर की सीट, स्टीयरिंग व्हील, हेड-अप-डिस्प्ले (HUD), साइड मिरर और इंफोटेनमेंट की सेटिंग्स ऑटोमैटिकली एडजस्ट हो जाएगी। इस तकनीक में नियर इन्फ्रा-रेड (NIR) कैमरा का इस्तेमाल किया गया है, जो अंधेरे में भी पहचान कर पता लगा सकेगा कि चेहरा सिस्टम में पहले से रजिस्टर है या नहीं। टेक्नोलॉजी की खास बात होगी कि ड्राइवर को हर समय अपने साथ चाबी नहीं रखनी होगी।

अगर कोई कार में स्मार्ट चाबी छोड़ देता है, तो भी फेस आईडी तकनीक का उपयोग करके व्हीकल को लॉक किया जा सकता है। जेनेसिस का कहना है कि फेस कनेक्ट सिस्टम हर व्हीकल के लिए अधिकतम दो चेहरे स्टोर कर सकेगा। कंपनी की मानें तो रजिस्टर्ड चेहरों का डेटा एन्क्रिप्टेड होगा, जो सुरक्षित रूप से व्हीकल में स्टोर रहेगा। ड्राइवर चाहें तो कभी भी अपनी डीटेल्स को डिलीट कर सकते हैं और वॉयस असिस्टेंट का इस्तेमाल करके नए प्रोफाइल को रजिस्टर कर सकते हैं।

फिंगरप्रिंट की भी मिलेगी सुविधा

फेस आईडी टेक्नोलॉजी के अलावा जेनेसिस के पास एक और स्मार्टफोन जैसी तकनीक- फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन सिस्टम भी है। यह ड्राइवर को स्मार्टफोन या स्मार्ट की के बिना बायोमेट्रिक इनफॉर्मेशन के आधार पर व्हीकल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इन दोनों सिस्टम के साथ रजिस्टर कोई भी व्यक्ति चेहरे की पहचान के जरिए वाहन में प्रवेश कर सकता है और फिंगरप्रिंट पहचान करके कार चला सकता है। फिंगरप्रिंट ऑथेटिंकेशन का इस्तेमाल इन-व्हीकल पेमेंट के लिए भी किया जा सकता है।