तेजस्वी यादव जा सकते हैं जेल! ‘क्राइम मनी’ के चंगुल में फंसा लालू परिवार…

Tejashwi Yadav can go to jail! Lalu family trapped in the clutches of 'crime money'...
Tejashwi Yadav can go to jail! Lalu family trapped in the clutches of 'crime money'...
इस खबर को शेयर करें

पटना: दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 स्थानों पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़ी जगहों पर छापेमारी हुई। ईडी ने उनके बेटे, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी बेटियों से जुड़े परिसरों में छापेमारी की। छापेमारी के एक दिन बाद जमीन के बदले रेलवे की नौकरी की जांच में ईडी ने दावा किया है कि उसने 600 करोड़ रुपये के अपराध की आय का खुलासा करने वाले दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। एजेंसी के अनुसार, दस्तावेज 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के स्वामित्व और विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से किए गए 250 करोड़ रुपये के लेनदेन से संबंधित हैं।

लालू परिवार पर भारी मुसीबत
एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में छापेमारी की है, जो कि यूपीए सरकार के तहत रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान नौकरी के बदले जमीन लेने से संबंधित है। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की नौकरी देने वाले लोगों से जमीन की जबरन वसूली का मामला है। ईडी ने कहा कि जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि कई रेलवे जोन में भर्ती किए गए उम्मीदवारों में से 50 फीसदी से ज्यादा लालू प्रसाद के परिवार के निर्वाचन क्षेत्रों से थे। एजेंसी का दावा है कि कथित रूप से गरीब माता-पिता से रिश्वत के रूप में ली गई जमीन को बाद में बड़े प्रीमियम पर बेच दिया गया, जिसमें अर्जित धन मुख्य रूप से तेजस्वी के खातों में जा रहा था।

जेल जा सकते हैं तेजस्वी
ईडी जिन संपत्तियों की जांच कर रहा है उनमें नई दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक चार मंजिला बंगला डी-1088 शामिल है। करीब 150 करोड़ रुपये की कीमत वाली इस बंगले को महज 4 लाख रुपये में खरीदा गया दिखाया गया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि यह संपत्ति तेजस्वी के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत है। ईडी ने कहा कि तलाशी के दौरान तेजस्वी प्रसाद यादव इस घर में ठहरे हुए पाए गए। इस घर को अपनी आवासीय संपत्ति के रूप में इस्तेमाल करते पाए गए। ईडी के दावों के अनुसार, तेजस्वी जमीन के बदले नौकरी घोटाले के प्रमुख लाभार्थी के रूप में उभरे हैं।

अपराध की आय का खुलासा
अब तक की गई जांच से पता चला है कि पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर जमीन के कई टुकड़े तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार को नौकरी दिलाने के एवज में मिले हैं। ईडी ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि इन जमीनं का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है। एजेंसी ने यह भी कहा कि उसने इन जमीनों के लिए कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और लाभकारी मालिकों की पहचान की है। ईडी का कहना है कि यह संदेह है कि इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नकदी/अपराध की आय का उपयोग किया गया है। एजेंसी का मानना है कि अपराध की आय को छुपाने के लिए मुंबई की कुछ आभूषण का व्यवसाय करने वाली संस्थाओं से भी संपर्क साधा गया है। अपराध की आय वाली रकम को सेटल करने के लिए कई तरह की साजिश भी की गई है।

ईडी के हाथ लगे दस्तावेज
ईडी ने आगे कहा कि जांच में पाया गया है कि लालू यादव के परिवार द्वारा गरीब ग्रुप डी आवेदकों से महज 7.5 लाख रुपये में अधिग्रहित की गई जमीनों के चार टुकड़े राबड़ी ने राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को 3.5 करोड़ रुपये में भारी लाभ के साथ बेचे। ईडी ने कहा कि ये एक गैरकानूनी और अवैध सौदा किया गया था। जिसकी रकम का बड़ा हिस्सा तेजस्वी के खाते में डाला गया। एजेंसी ने कहा कि उसने 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, विदेशी मुद्रा में 1,900 डॉलर, 540 ग्राम सोना बुलियन और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण (1.25 करोड़ रुपये मूल्य), विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज, परिवार के सदस्यों (लालू यादव के) के नाम पर बिक्री के दस्तावेज बरामद किए हैं।

टेंशन में तेजस्वी
कुल मिलाकर ईडी ने जो अपराध की आय के दस्तावेज जब्त किये हैं उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि तेजस्वी कभी भी जेल जा सकते हैं। सियासी जानकारों की मानें तो अपराध की आय के लिए जेल जाना सुनिश्चित होता है। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव अपने कानूनी सलाहकारों से लगातार संपर्क में हैं। तेजस्वी यादव ने इसी के लिए सीबीआई की ओर से जारी समन को दोबारा अन्य तारीख पर भेजने का आग्रह किया। जानकारों का मानना है कि अपराध की आय का खुलासा होने के बाद लालू परिवार बुरी तरह फंस गया है। अब इस पूरी कवायद से निकलने में काफी देर होगी। ईडी के हाथ लगे दस्तावेज लालू परिवार की मुसीबत को बढ़ा देंगे।