50 पर पारा, दम तोड़ने लगे लोग, राजस्थान में BSF जवान समेत 2 की गर्मी से मौत

Temperature reaches 50, people start dying, 2 including BSF jawan die due to heat in Rajasthan
Temperature reaches 50, people start dying, 2 including BSF jawan die due to heat in Rajasthan
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जयपुर। गर्मी जानलेवा हो गई है। यह सिर्फ कहने की बात नहीं, राजस्थान में अब हालात सचमुच ऐसे हो गए हैं। तापमान 50 पार जाने को बेताब है तो हीट-स्ट्रोक की वजह से एक शख्स की मौत हो गई है। उधर, भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात एक बीएसएफ जवान की भी जान मौसम ने ले ली है। भीषण गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग हालात से निपटने के लिए खास इंतजाम में जुटा है। बेहतर प्रबंधन के लिए हर अस्पताल में एक नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है।

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार पिछले 24 घंटे में जोधपुर, बीकानेर और कोटा संभाग में अनेक जगह ‘हीटवेव और हाई हीटवेव’ दर्ज की गई। इस दौरान फलोदी में अधिकतम तापमान 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। राज्य में पड़ रही गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीती रात सर्वाधिक न्यूनतम तापमान कोटा में 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में भीषण गर्मी का दौर अभी जारी रहेगा।

जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने एक बयान में बताया कि हीट स्ट्रोक की वजह से रविवार को अजमेर के सराना गांव निवासी 40 वर्षीय मोती सिंह की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दिहाड़ी मजदूर मोती सिंह की शनिवार को रूपनगढ़ गांव में ट्रैक्टर में पत्थर भरते समय अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे पहले सीएचसी रूपनगढ़ लाया गया और यहां से उसे जिला अस्पताल किशनगढ़ रैफर किया गया था। अधिकारी ने बताया कि रास्ते में ही मोती सिंह की मौत हो गई।

बीएसएफ जवान की मौत
राजस्थान के रामगढ़ में हीट स्ट्रोक की वजह से बीएसएफ जवान की जान चली गई है। सीमा पर तैनात जवान अजय कुमार गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी मौत हो गई।

हालात संभालने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
इस बीच ‘हीटवेव मैनेजमेंट’ के तहत अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित निगरानी और तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिलों में चिकित्सा संस्थान वार नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। ये नोडल अधिकारी चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय करते हुए भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाव, जांच, दवा एवं उपचार सहित तमाम प्रबंध सुनिश्चित करेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि ‘हीटवेव’ (भीषण गर्मी के प्रकोप) से पीड़ित रोगियों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, हेल्पलाइन 1070 एवं एम्बुलेंस सेवा 104 एवं 108 उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राजस्थान चिकित्सा राहत समिति (आरएमआरएस) निधि का युक्ति संगत उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।