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कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. इस कहावत तो एकदम सही साबित कर दिया है कर्नाटक के नारायण एस भट ने. 70 साल के नारायण के हौसले की चर्चा हर तरफ हो रही है. रिटायरमेंट के बाद नारायण भट ने न सिर्फ पढ़ाई की बल्कि कर्नाटक सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा परीक्षा में 94.88 फीसदी हासिल करके स्टेट टॉपर भी बने. उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.
नारायण भट का जन्म 1953 में हुआ था. साल 1973 में कारवार में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लिया. उस साल उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दूसरी रैंक हासिल की थी. साल 2008 में भट बल्लारपुर इंडस्ट्रीज, जिसे अब सोलारिस केमटेक लिमिटेड नाम से जाना जाता है, वहां से रिटायर हुए. रिटायर होने के बाद पढ़ाई के प्रति उनकी इतनी लगन थी कि उन्होंने पढ़ाई नहीं रोकी. वर्तमान में वे बतौर सिविल कॉन्ट्रैक्टर काम कर रहे हैं.
नारायण एस भट के पास कई कंपनियों में काम करने का एक्सपीरिएंस है. उन्होंने देश के कई राज्यों में नौकरियां की हैं. 2008 में रिटायर होने के बाद भी वह सिरसी में ठेकेदार के रूप में काम करते रहे. नारायण एस भट के पास गुजरात के भूकंप त्रासदी के दौरान भी काम करने का अनुभव है.
नारायण एस भट की दो बेटियां हैं, इनमें से एक आयरलैंड में है और दूसरी अमेरिका में. सबसे अच्छी बात यह है कि उनकी दोनों बेटियां इंजीनियर ही हैं. नारायण एस भट मीडिया से बात करते हुए बताते हैं कि उनके 67 साल की उम्र में कॉलेज जाने के निर्णय का उनकी पूरी फैमली ने स्वागत किया और सबने इसमें उनका पूरा साथ दिया.