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पटना। राज्य के करीब एक लाख 43 हजार प्लाट की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटा ली गई है। इनमें सबसे अधिक 26 हजार 193 प्लाट पर सिवान जिले के हैं। इसके अलावा बक्सर में 20 हजार 964 और नवादा में 17 हजार 342 प्लाट पर लगी रोक भी विभाग ने हटा ली है। जिला प्रशासन की अनुशंसा पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने यह निर्णय लिया है। विवादित होने व अन्य कारणों से इन प्लाट की बिक्री पर रोक थी। अब इन प्लाटों की बिक्री के साथ निबंधन हो सकेगा। इससे विभाग की आय में भी वृद्धि होगी।
1.43 लाख प्लाट को रजिस्ट्री के लिए किया गया मुक्त
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों में रोक सूची बनाई जाती है। इस सूची में विभिन्न कोर्ट द्वारा अनुशंसित या गैर मजरूआ घोषित प्लाट का विवरण होता है। इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड या राज्य सरकार की भूमि मान कर कई प्लाटों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का ब्यौरा भी होता है। कोई भी व्यक्ति इन प्लाट की खरीद-बिक्री नहीं कर सकता है। समय-समय पर जिला स्तर पर इन प्लाट की रोक की समीक्षा की जाती है। इसके लिए डीएम या एडीएम की अध्यक्षता में फील्ड कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में संबंधित जिले के जिला अवर निबंधक, अंचलाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता सदस्य होते हैं। इसी कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने 1.43 लाख प्लाट को रजिस्ट्री के लिए मुक्त करने का निर्णय लिया है।
पटना में एक लाख से अधिक प्लाट पर अब भी रोक
निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पटना जिले में छह हजार 920 प्लाट के निबंधन पर लगी रोक हटाई है। पटना में करीब एक लाख 37 हजार प्लाट अब भी ऐसे हैं, जिसके निबंधन पर रोक लगी है। इसके अलावा बक्सर में 20 हजार 964 और नवादा में 17 हजार 342 प्लाट पर लगी रोक भी विभाग ने हटा ली है। जिन जिलों में अब भी सर्वाधिक प्लाट पर रोक कायम है, उसमें गया में 3.65 लाख प्लाट है। वहीं पूर्णिया में 2.65 लाख प्लाट पर रोक है।
इन जिलों में सर्वाधिक प्लाट पर रोक
जिला प्लाट
गया 3.65 लाख
पूर्णिया 2.45 लाख
बक्सर 2.06 लाख
मोतिहारी 2.04 लाख
नवादा 1.85 लाख