अभी अभीः पहाडों की आफत वेस्ट यूपी के लिये बनी मुसीबत, ग्रामीणों को तबाही की चेतावनी

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मेरठ। मुसीबत बनकर पहाड़ों पर लगातार बरस रहे पानी के कारण मैदानी इलाकों में आफत आ गई है। वेस्‍ट यूपी के कई जिलों में गंगा और यमुना का जलस्‍तर बढ़ने से लोगों को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। शामली में यमुना में पानी काफी बढ़ गया है। अब यमुना चेतावनी के निशान से डेढ़ मीटर ही नीचे बह रही है। हालांकि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने पानी की मात्रा में कुछ कमी आई है, वहीं बुलंदशहर में गंगा किनारे बसे गांवों के जंगल में भी बाढ़ का पानी खेतों में घुस गया है, जिससे पशुओं के चारे का संकट पैदा होने लगा है। उत्तराखंड लक्सर क्षेत्र के गांवों में कटान रोकने को बनाए गए स्थाई तटबंध बिजनौर जिले के नागल गंगा खादर क्षेत्र में तबाही मचा रहे हैं। प्रशासन ने अपनी ओर अलर्ट जारी कर दिया है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए बोला गया है।

शामली में चेतावनी बिंदु के पास

शामली में यमुना में पानी काफी बढ़ गया है। अब यमुना चेतावनी के निशान से डेढ़ मीटर ही नीचे बह रही है। हालांकि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने पानी की मात्रा में कुछ कमी आई है। बुधवार को 11 बजे से घंटे सवा लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाता रहा। कैराना यमुना पुल तक बैराज से पानी पहुंचने में 20 से 22 घंटे का वक़्त लगता है। गुरुवार को सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 229.50 मीटर दर्ज किया गया है। चेतावनी बिंदु 231 और खतरे का निशान 231.50 मीटर पर है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से तटवर्ती गांवों के लोगों की चिंता भी बढ़ी है। ड्रेनेज खंड के जेई आशु कुमार ने बताया कि सभी अलर्ट हैं। पूरी निगरानी की जा रही है। अभी खतरे वाली बात नहीं है। कैराना और ऊन तहसील क्षेत्र में आठ बाढ़ चौकी स्थापित हैं। तटबंधों की मरम्मत आदि का काम भी पूर्व में कराया जा चुका है।

बुलंदशहर में प्रशासन ने किया अलर्ट

बुलंदशहर के अनूपशहर में पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से गंगा में बाढ़ के हालात बन गए है। नगर के जाहन्वी प्लेट फार्म पर बाढ़ का पानी ऊपर आ गया है। गंगा किनारे बसे गांवों के जंगल में भी बाढ़ का पानी खेतों में घुस गया है, जिससे पशुओं के चारे का संकट पैदा होने लगा है। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार वर्षा होने से गंगा में दोबारा बाढ़ आ गई है। जिसके कारण गंगाद्वार में मु़ख्य सड़क तथा जाहन्वी प्लेट फार्म पर गंगा बाढ़ का पानी काफी अंदर घुस आया है। गंगा किनारे बसे गांवों के जंगल में बाढ़ का पानी पहुंचने से पशुओं के चारे का संकट पैदा हो गया है। किसान हरे चारे में पानी घुसने के कारण काट पाने में असमर्थ है। गंगा किनारे बसे गांवों के लेखपालों को एसडीएम पदम कुमार सिंह ने अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। प्रत्येक घंटे की गतिविधि का विवरण आला अधिकारियों को भेजा जा रहा है। अहार तथा अनूपशहर में बाढ़ चौकियों को बहाल कर दिया गया है। ग्रामीणों से भी सतर्क रहने का आहवान किया है। गंगा किनारे नाविकों तथा गोताखोरों को भी स्थिति का मुकाबला करने को कहा गया है। जिससे किसी की जान को खतरा न हो। नगर के अधिकांश गंगा घाटों में बाढ़ का पानी अंदर घुस गया है। श्रद्धालु गंगा तट पर लोटा से स्नान कर रहे है।

उत्तराखंड में बने स्थाई तटबंध मचा रहे खादर में तबाही

बिजनौर के नांगलसोती में हालात विकट बने हुए हैं। उत्तराखंड लक्सर क्षेत्र के गांवो में कटान रोकने को बनाए गए स्थाई तटबंध नांगल गंगा खादर क्षेत्र में तबाही मचा रहे हैं। आलम यह है कि लगातार हो रही बारिश से गंगा लबालब बह रही है और सौफतपुर सहित कई मौजों में कटान करती हुई हरियाली पर ग्रहण लगा रही है। इतना ही नहीं ग्राम गौसपुर के मुहाने पर भी गंगा कटान कर रही है। खादर से हरियाली और गौसपुर की आबादी कटान की भेंट चढ़ जाएगी।